ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 558/2010/258 'ए क मैं और एक तू' - 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की इस लघु शृंखला की आठवीं कड़ी में आज एक और ७० के दशक का गीत पेश-ए-ख़िदमत है। दोस्तों, फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की गायक-गायिका जोड़ियों में जिन चार जोड़ियों का नाम लोकप्रियता के पयमाने पर सब से उपर आते हैं, वो हैं लता-किशोर, लता-रफ़ी, आशा-किशोर और आशा-रफ़ी। ७० के दशक में इन चार जोड़ियों ने एक से एक हिट डुएट हमें दिए हैं। कल के लता-रफ़ी के गाये गीत के बाद आज आइए आशा-किशोर की जोड़ी के नाम किया जाये यह अंक। और ऐसे में फ़िल्म 'खेल खेल में' के उस गीत से बेहतर गीत और कौन सा हो सकता है, जिसके मुखड़े के बोलों से ही इस शृंखला का नाम है! "एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह, और जो तन मन में हो रहा है, ये तो होना ही था"। नये अंदाज़ में बने इस गीत ने इस क़दर लोकप्रियता हासिल की कि जवाँ दिलों की धड़कन बन गया था यह गीत और आज भी बना हुआ है। उस समय ऋषी कपूर और नीतू सिंह की कामयाब जोड़ी बनी थी और एक के बाद एक कई फ़िल्में इस जोड़ी के बने। 'खेल खेल में' १९७५ में बनी थी जिसका निर्देशन किया