ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४२ 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल' में आज हम जिस गीत का रिवाइव्ड वर्ज़न लेकर आए हैं, वह है सन् १९९१ में बनी फ़िल्म 'लेकिन' से। हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा स्वरबद्ध इस गीत को लता जी ने गाया था। ९० के दशक के शुरु शुरु में आई इस फ़िल्म के गीतों के माध्यम से लता जी ने यह एक बार फिर से साबित किया था कि इस नए दशक में भी अगर वो चाहें तो राज कर सकती हैं। लता जी ने सन् १९८३ में विविध भारती पर जयमाला कार्यक्रम प्रस्तुत किया था जिसमें उन्होने कुल ९ गीतों में से ५ गानें उन्होने अपने भाई हृदयनाथ के चुने। इनमें से एक गीत तो मराठी में था, बाक़ी के गानें थे "मुझे तुम याद करना और मुझको याद आना तुम" (मशाल), "तुम आशा विश्वास हमारे" (सुबह), "फ़ुटपाथों के हम रहनेवाले" (मशाल) तथा "ये आँखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं" (धनवान)। उसी कार्यक्रम में लता जी ने हृदयनाथ जी के बारे में यह कहा था - "मुझे कुछ ऐसा लग रहा है कि हृदयनाथ पर एक ठप्पा लग गया है ग़ैर फ़िल्मी गीत कॊम्पोज़ करने का, या फिर उनके गानों में क्लासिकल म्युज़िक की प्रच