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बरकरार है आज भी ओ पी नैयर के संगीत का मदभरा जादू

जीनिअस संगीतकार ओ पी नैयर की दूसरी पुण्यतिथि पर विशेष - १९५२ में एक फ़िल्म आई थी, -आसमान, जिसमें गीता दत्त ने एक बेहद खूबसूरत गीत गाया था -"देखो जादू भरे मोरे नैन..." यह संगीतकार ओ पी नैयर की पहली फ़िल्म थी, जो पहला गाना इस फ़िल्म के लिए रिकॉर्ड हुआ था वो था "बेवफा जहाँ में वफ़ा ढूँढ़ते रहे..." गायक थे सी एच आत्मा साहब. दो अन्य गीत सी एच आत्मा की आवाज़ में होने थे जो नासिर पर फिल्माए जाने थे और ४ अन्य गीत, गीता ने गाने थे जो नायिका श्यामा पर फिल्मांकित होने थे. फ़िल्म के कुल ८ गीतों में से आखिरी एक गीत जो फ़िल्म की सहनायिका पर चित्रित होना था उसके बोल थे "जब से पी संग नैना लगे...". नैयर ने इस गीत के लिए लता जी को तलब किया पर जब लता जी को ख़बर मिली कि उन्हें एक ऐसा गीत गाने को कहा जा रहा है जो नायिका पर नही फिल्माया जाएगा (ये उन दिनों बहुत बड़ी बात हुआ करती थी) उनके अहम् को धक्का लगा. वो उन दिनों की (और उसके बाद के दिनों की भी) सबसे सफल गायिका थी. लता ने ओ पी के लिए इस गीत को गाने से साफ़ इनकार कर दिया और जब नैयर साहब तक ये बात पहुँची, तो उन्होंने भी एक दृढ़

आनंदम काव्यगोष्ठी की रिकॉर्डिंग

सुप्रसिद्ध कहानीकार उदय प्रकाश के कथापाठ की रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराने के साथ ही हमने वादा किया था कि साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों की साबूत रिकॉर्डिंग हम आपको सुनवाते रहेंगे। इसके बाद हमने हिन्द-युग्म के कार्यक्रम 'कथापाठ-एक विमर्श' की भी रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवाई। आज सुनिए साहित्यिक संस्था आनंदम द्वारा प्रत्येक माह के दूसरे रविवार को दिल्ली में आयोजित होने वाली काव्यगोष्ठी के जनवरी अंक की रिकॉर्डिंग। ज़रूर बताइएगा कि आपको कैसा लगा? इस कार्यक्रम के बहुत से हिस्सों की रिकॉर्डिंग ठीक तरह से नहीं हो पाने के कारण उन्हें सम्पादित कर दिया गया है।
वर्ष २००८ के टॉप ५० हिन्दी फिल्मी गीतों की माला हिन्द-युग्म की आवाज़ टीम ने वर्ष २००८ में रीलिज हुई हिन्दी फिल्मों के श्रेष्ठ ५० गीतों की एक माला बनाई है। इस वार्षिक गीतमाला को बनाने में श्रोताओं की राय भी सम्मलित की गई हैं। गीत चुनते वक़्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि ऐसे गीत रखें जायें जिनकी उम्र लम्बी हो। आप भी सुनें और अपने विचार दें॰॰॰ Top 50 Bollywood Songs, Top 50 Hindi Film Songs 2008