ताज़ा सुर ताल - दर्द दिलों के (एक्सपोस) जब से हिमेश रेशमिया संगीत निर्देशन में आये हैं, तब से हम उन्हें बहुत से मुक्तलिफ़ रूपों में देख चुके हैं, हिमेश केवल हिट गीत देने में विश्वास रखते हैं और बहुत अधिक अपने 'कम्फर्ट ज़ोन' से बाहर जाकर काम नहीं करते हैं, बावजूद इसके उनकी धुनों में एक ख़ास मिठास हमेशा से रही है ( ओढ़नी , क्यों किसी को वफ़ा के बदले, तेरी मेरी प्रेम कहानी आदि), हिमेश इन दिनों अपने निर्माताओं को डबल बोनान्जा बाँट रहे हैं, यानी कि जो उनकी अपनी कहानी पर फिल्म बनायेगा उसके लिए वो अभिनय भी करेगें और जाहिर है जब अभिनय करेगें तो संगीत में भी अपनी पूरी ताकत झोंक देंगें. कुछ ऐसा ही है उनकी ताज़ा पेशकश एक्सपोस का हाल. इस एल्बम में भी हर मूड के गीत हैं और सब के साब हिमेश की पक्की छाप वाले. कुछ बहुत नया न देते हुए भी हिमेश ऐसे गीत बनाने में कामियाब हुए हैं जिनका हिट होना लगभग तय है. खासकर ये गीत जो हम आपको सुना रहे हैं इसमें वही चिर परिचित हिमेशिया माधुर्य भी है और शास्त्रीयता की मिठास भी. मोहम्मद इरफ़ान ने बहुत दिल से गाया है इसे (शुक्र है हिमेश ने खुद नहीं गाया ये गीत)