ताज़ा सुर ताल - विसिल बाजा सुपर स्टार जैकी श्रोफ को फिल्मों में मौका दिया सदाबहार देव साहब ने, मगर उन्हें असली पहचान मिली सुभाष घई कृत हीरो की जबरदस्त कमियाबी से. कौन इनकार कर सकता है कि फिल्म हीरो की कामियाबी में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत का महत्वपूर्ण योगदान था. फिल्म का हर गीत आज तक श्रोताओं के दिलो जेहन में बसा हुआ है. बरसों बाद जब जैकी के सुपुत्र टाइगर को फिल्मों में लांच करने की बारी आई तो जैकी को याद आई फिर एक बार अपनी पहली हिट फिल्म के गीतों की. मरहूम रेशमा का गाया लम्बी जुदाई गीत में एक बेहद खूबसूरत बांसुरी का पीस था. सालों बाद हीरोपंती में अब उसी मधुर धुन को विसिल में बजाया गया है, और सच कहें तो यही इस गीत की सबसे बड़ी खूबी है. गीत में आगे पीछे क्या गाया जा रहा है इस पर ध्यान ही नहीं जाता बस इंतज़ार रहता है की कब ये धुन बजे. कहना गलत नहीं होगा की टाईगर इस गीत पर जम कर नाचे हैं, यक़ीनन उनमें एक भावी सुपर स्टार के सभी गुण दर्शित हो रहे हैं. मंजीत, निंदी और कौर रफ़्तार के गाये इस गीत में भरपूर पंजाबियत है, और भरपूर मौज मस्ती भी....लीजिये सुनिए ये कदम थिरकाता गीत आ