ओल्ड इज़ गोल्ड - शनिवार विशेष - 44 - 'उषा मंगेशकर से ट्विटर पर छोटी सी मुलाक़ात और उनके गाये चंद असमीया फ़िल्मी गीत'
नमस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, शनिवार विशेषांक के साथ मैं, आपका दोस्त सुजॉय, हाज़िर हूँ। पिछले दिनों 'हिंद-युग्म' नें मुझे 'लोकप्रिय गोपीनाथ बार्दोलोई हिंदी सेवी सम्मान' से जब सम्मानित किया था, तो मेरी ख़ुशी की सीमा न थी। यह ख़ुशी सिर्फ़ इस बात की नहीं थी कि मैं पुरस्कृत हो रहा था, बल्कि इस बात की भी थी कि यह पुरस्कार उस महान शख़्स के नाम पर था जो उसी जगह से ताल्लुख़ रखते थे जहाँ से मैं हूँ। जी हाँ, आसाम की सरज़मीं। आसाम, जहाँ मेरा जन्म हुआ, जहाँ से मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की, और जहाँ से मेरी नौकरी जीवन की शुरुआत हुई। उस रोज़ मैं उस पुरस्कार को ग्रहण करते हुए यह सोच रहा था कि 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के लिये मुझे यह पुरस्कार दिया गया है, तो क्यों न 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में एक विशेषांक असमीया फ़िल्म संगीत को लेकर की जाये! तभी मुझे याद आया कि पिछले साल, जून के महीने में, जब तीनों मंगेशकर बहनों का ट्विटर पर आगमन हुआ, उस वक़्त मैंने लता जी और उषा जी से कुछ सवाल पूछे थे, जिनमें से कुछ के उन दोनों ने जवाब भी दिये थे। आपको याद होगा लता जी से की हुई बातचीत को ह