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उषा छाबड़ा का साक्षात्कार - सजीव सारथी

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में मालती जोशी की लघुकथा आखरी शर्त का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं बाल साहित्य के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम, उषा छाबड़ा, जिनसे बातचीत कर रहे हैं, रेडियो प्लेबैक इंडिया के संस्थापक व प्रमुख सम्पादक, सजीव सारथी। तो आइये, जानें उषा जी की साहित्य यात्रा को। प्रस्तुत साक्षात्कार का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। उषा जी साहित्यिक अभिरुचि वाली अध्यापिका हैं। वे पिछले उन्नीस वर्षों से दिल्ली पब्लिक स्कूल ,रोहिणी में अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। उन्होंने कक्

जब अनुराग बोले रेडियो से

अनुराग शर्मा अनुराग शर्मा आवाज़ और हिन्द-युग्म पर बहुत जाना-पहचाना नाम है। कहानी-वाचन के लिए ये आवाज़ के श्रोताओं के दिलों में अपनी ख़ास जगह बना चुके हैं। ये एक अच्छे कवि और विचारक भी हैं। पिछले सप्ताह 19 अप्रैल 2009 को रेडियो सलाम नमस्ते पर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति द्वारा प्रस्तुत हिन्दी कविता के विशेष कार्यक्रम ' कवितांजलि' में इनका साक्षात्कार प्रसारित हुआ। कार्यक्रम के उद्‍घोषक आदित्य प्रकाश ने इनसे संक्षिप्त बातचीत की।  अब तक इस कार्यक्रम में आलोक शंकर , गौरव सोलंकी, विपुल शुक्ला , अनुपमा चौहान , निखिल आनंद गिरि , रंजना भाटिया, सुनीता शानू, मनीष वंदेमातरम् और शैलेश भारतवासी इत्यादि के काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित हो चुके हैं। आज सुनिए अनुराग शर्मा से बातचीत- अनुराग शर्मा के साथ सजीव सारथी की बातचीत पढ़ने के लिए क्लिक करें।

मिलिए बर्ग वार्ता वाले "स्मार्ट इंडियन" अनुराग शर्मा से

अनुराग शर्मा 'पढ़ने' की बजाय 'सुनने' को ज्यादा प्राकृतिक मानने वाले अनुराग दोस्तो, पिछले २ सप्ताहों से आप एक आवाज़ को हिन्द-युग्म पर खूब सुन रहे हैं। और आवाज़ ही क्या, इंटरनेट पर जहाँ-जहाँ हिन्दी की उपस्थिति है, वहाँ ये उपस्थित दिखाई देते हैं। हमारे भी हर मंच पर ये दिखते हैं। इन्होंने आवाज़ पर ऑडियो-बुक का बीज डाला। इनका मानना है कि भारत में ऑडियो बुक्स में अभी बहुत सम्भावनाएँ हैं। ये हिन्दी साहित्य को किसी भी तरह से जनप्रिय बनाना चाहते हैं। इसीलिए अपनी आवाज़ में प्रसिद्ध कहानियाँ वाचने का सिलसिला शुरू कर दिया है। अनुराग विज्ञान में स्नातक तथा आईटी प्रबंधन में स्नातकोत्तर हैं। एक बैंकर रह चुके हैं और वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक स्वास्थ्य संस्था में ऍप्लिकेशन आकिर्टेक्ट हैं। उत्तरप्रदेश में जन्मे अनुराग भारत के विभिन्न राज्यों में रह चुके हैं। फिलहाल पिट्सबर्ग में रहते हैं। लिखना, पढ़ना, बात करन,ा यानी सामाजिक संवाद उनकी हॉबी है। शायद इसीलिए वे कविता, कहानी, लेख आदि विधाओं में सतत् लिखते रहे हैं। वे दो वर्ष तक एक इन्टरनेट रेडियो (PittRadio) चला चुके