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2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड - भाग 1

नववर्ष विशेष 2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड  - भाग 1 The Unsung Melodies of 2014 रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ! स्वागत है आप सभी का साल 2015 की प्रथम प्रस्तुति में। आज वर्ष के पहले और दूसरे दिन आपके मनोरंजन के लिए हम लेकर आए हैं यह विशेष प्रस्तुति। साल 2014 हिन्दी फ़िल्म-संगीत के लिए अच्छा ही कहा जा सकता है; अच्छा इस दृष्टि से कि इस वर्ष जनता को बहुत सारे हिट गीत मिले, जिन पर आज की युवा पीढ़ी ख़ूब थिरकी, डान्स क्लब की शान बने, FM चैनलों पर बार-बार लगातार ये गाने बजे। "बेबी डॉल", "जुम्मे की रात है", "मुझे प्यार ना मिले तो मर जावाँ", "पलट तेरा ध्यान किधर है", "आज ब्लू है पानी पानी", "तूने मारी एन्ट्री यार", "सैटरडे सैटरडे", "दिल से नाचे इण्डिया वाले", जैसे गीत तो जैसे सर चढ़ कर बोले साल भर। लेकिन इन धमाकेदार गीतों की चमक धमक के पीछे गुमनाम रह गए कुछ ऐसे सुरीले नग़मे जिन्हें अग

नववर्ष विशेष: 1934 से 2014 -- 9 दशक, 9 गीत

नववर्ष विशेष बीते नौ दशकों के नौ चुनिन्दा गीत और उनसे जुड़ी कुछ यादें विदा 2014 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आज साल 2014 का अंतिम दिन है। एक और साल बीत गया और एक और नया साल दरवाज़े पर दस्तक देने के लिए बेताब हो रहा है। फ़िल्म संगीत के इतिहास में आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो ध्यान आता है कि आठ दशक तो पूरे हो ही चुके हैं, नवे दशक के भी चार साल बीत चुके हैं। इस दशकों में फ़िल्म संगीत अनेक दौर से गुजरता गया और एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में ढलता गया। 2014 से पीछे की तरफ़ चलें तो 2004, 1994, 1984, 1974.... से लेकर 1934 तक के नौ दशकों का यह सुरीला सफ़र बड़ा ही सुहाना रहा। तो आज इस विशेष दिन के अवसर पर क्यों ना पिछले 9 दशकों के इन 9 सालों से 9 गीत चुन कर उनके साथ जुड़ी कुछ स्मृतियों को आपके सामने रखे जायें। तो आनन्द लीजिये आज की इस नववर्ष विशेष प्रस्तुति का, और साथ ही स्वीकार कीजिए नववर्ष की हमारी हार्दिक शुभकामनायें।  1934: "प्रेम नगर में बनाऊंगी घर मैं" (चण्डीदास) उमा शशि और

वरुण कुमार जायसवाल की कथा लाज

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में विनय के. जोशी की लघुकथा " ईमानदार " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वरुण कुमार जायसवाल की छोटी सी लेकिन मर्मस्पर्शी कथा लाज जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "लाज" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वर्तमान राजनीति में सबसे बड़ी कमी आदर्शवाद को व्यावहारिक पहलू में ढाल पाने की क्षमता का अभाव है। ~  वरुण कुमार जायसवाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "एक मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए ये रकम बड़ी तो थी ही फिर भी