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राग काफी में खयाल, तराना और भजन

स्वरगोष्ठी – 157 में आज फाल्गुनी परिवेश में राग काफी के विविध रंग ‘कान्ह कुँवर के कर-पल्लव पर मानो गोवर्धन नृत्य करे...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर ‘स्वरगोष्ठी’ के एक नए अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, पिछली कड़ी से हमने फाल्गुनी परिवेश के सर्वप्रिय राग काफी पर चर्चा आरम्भ की है। फाल्गुन मास में शीत ऋतु का क्रमशः अवसान और ग्रीष्म ऋतु की आहट होने लगती है। यह परिवेश उल्लास और श्रृंगार भाव से परिपूर्ण होता है। प्रकृति में भी परिवर्तन परिलक्षित होने लगता है। रस-रंग से परिपूर्ण फाल्गुनी परिवेश का एक प्रमुख राग काफी होता है। स्वरों के माध्यम से फाल्गुनी परिवेश, विशेष रूप से श्रृंगार रस की अभिव्यक्ति के लिए राग काफी सबसे उपयुक्त राग है। पिछले अंक में हमने इस राग में ठुमरी और टप्पा प्रस्तुत किया था। आज के अंक में हम राग काफी में खयाल, तराना और भजन प्रस्तुत करेंगे, जिसे क्रमशः विदुषी अश्विनी भिड़े देशपाण्डे, पण्डित कुमार गन्धर्व और पण्डित जसराज की आवाज़ में प्रस्तुत किया गया ह

मिष्टी दोई जैसी बप्पी दा की आवाज़ और "घंटी गीत" बना साल का पहला देशव्यापी हिट

ताज़ा सुर ताल - 2014 - 08   बप्पी दा  दोस्तों, साल 2014 के दो माह बीतने को हैं, और अब तक हम आपको 14 गीत सुनवा चुके हैं. आज हम आपको सुनवायेंगे दो ऐसे गीत जो लोकप्रियता के लिहाज से शीर्ष पायदानों पर विराजमान हैं, और ये दोनों ही गीत एक ही फिल्म से हैं. फिल्म "गुण्डे" के बारे में आपको बता दें कि ये फिल्म हिंदी के साथ साथ बांग्ला में भी बनी है. और इसका मशहूर घंटी गीत  बांग्ला में बप्पी दा ने गाया है. वैसे संगीतकार सोहैल सेन ने हिंदी संस्करण में भी बप्पी दा को क्रेडिट दिया है. हिंदी संस्करण आज पूरे भारत में धूम मचा रहा है, मगर हम आपको सुनवा रहे हैं गीत का बांग्ला संस्करण जिसे बप्पी दा से एकदम मस्त गाया है. सुनते सुनते झूमने लगो तो हमें दोष मत दीजियेगा... नेहा बाशिन  क्यों दोस्तों, मज़ा आया न...? चलिए अब बढते हैं गुण्डे   के एक और गीत की तरफ जो है एक कैब्रेट गीत. असलमे इश्कुम  फिल्माया गया है प्रियंका चोपडा पर और उनके लिए पार्श्व गायन किया है नेहा भासिन ने, जी हाँ वही जिनकी धुनकी  ने आपको दीवाना बना दिया था. नेहा आज की एक चर्चित आवाज़ का नाम है पर अपने आरंभि