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ओल्ड इस गोल्ड (छोटा कैप्सूल) - स्मृतियों के गलियारों से गुजरते हुए

फ़िल्म-संगीत की शुरुआत - आलम-आरा से

भारतीय सिनेमा के सौ साल – 38 कारवाँ सिने-संगीत का आज ‘आलम-आरा’ के प्रदर्शन के पूरे हुए 82 वर्ष भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान- ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ में आप सभी सिनेमा-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत है। आज माह का दूसरा गुरुवार है और माह के दूसरे और चौथे गुरुवार को हम ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ स्तम्भ के अन्तर्गत ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के संचालक मण्डल के सदस्य सुजॉय चटर्जी की प्रकाशित पुस्तक ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ से किसी रोचक प्रसंग का उल्लेख करते हैं। आज के अंक में हम भारतीय फिल्म जगत की बहुचर्चित फिल्म ‘आलम-आरा’ की चर्चा की जा रही है। यह भारत की पहली सवाक फिल्म थी।  जै सा कि सर्वविदित है पहली भारतीय बोलती फ़िल्म ‘आलम-आरा’ के 14 मार्च, 1931 के दिन बम्बई में प्रदर्शित होने के साथ ही फ़िल्म-संगीत का युग भी शुरु हो गया था। इम्पीरियल फ़िल्म कंपनी के बैनर तले अरदशेर ईरानी और अब्दुल अली यूसुफ़ भाई ने मिलकर इस फ़िल्म का निर्माण किया था। इम्पीरियल मूवीटोन कृत आ ल म – आ रा सम्पूर्ण

मधुर राग केदार का अद्भुत प्रयोग हुआ है फिल्म संगीत में

प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट  राग केदार  स्वर एवं संयोजन - संज्ञा टंडन  आलेख - कृष्णमोहन मिश्र