ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 327/2010/27 श -रद तैलंग जी के पसंद का अगला गाना है फ़िल्म 'शगुन' से। सुमन कल्याणपुर की आवाज़ में यह है इस फ़िल्म का एक बड़ा ही मीठा गीत "बुझा दिए हैं ख़ुद अपने हाथों से मोहब्बत के दीये जलाके"। साहिर लुधियानवी की शायरी और ख़य्याम साहब का सुरीला सुकून देनेवाला संगीत। इसी फ़िल्म में सुमन जी ने रफ़ी साहब के साथ "ठहरिए होश में आ लूँ तो चले जाइएगा" और "पर्बतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है" जैसे हिट गीत गाए हैं। आज के प्रस्तुत गीत की बहुत ज़्यादा चर्चा नहीं हुई लेकिन उत्कृष्टता में यह गीत किसी भी दूसरे गीत से कुछ कम नहीं, और यह गीत सुमन कल्याणपुर के गाए बेहतरीन एकल गीतों में से एक है। फ़िल्म 'शगुन' आई थी सन् १९६४ में, जिसका निर्माण हुआ था शाहीन आर्ट के बैनर तले, निर्देशक थे नज़र, और फ़िल्म के कलाकार थे कंवलजीत सिंह, वहीदा रहमान, चांद उस्मानी, नज़िर हुसैन, नीना और अचला सचदेव। दोस्तों, आपको यह बता दें कि यही कंवलजीत असली ज़िंदगी में वहीदा रहमान के पति हैं। 'शगुन' में सुमन कल्याणपुर और मोहम्मद रफ़ी के अलावा जिन गायकों