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सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'बोहनी'

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'बोहनी' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में पंकज सुबीर की रचना ' 'ईस्ट इंडिया कंपनी' ' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "बोहनी" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 13 मिनट। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी भवों की कमान और बरौनियों का नेजा और मुस्कराहट का तीर उस वक्त बिलकुल कोई असर नहीं करते जब आप आंखें लाल किये, आस्तीनें समेटे इसलिए आसमान सर पर उठा लेते हैं कि नाश्ता और प

ईन मीना डीका...रम पम पोस रम पम पोस....

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 28 नि र्देशक एम् वी रमण किशोर कुमार को बतौर नायक दो फिल्मों में अभिनय करवा चुके थे. 1954 की फिल्म "पहली झलक" में और 1956 की फिल्म "भाई भाई" में. 1957 में जब रमण साहब ने खुद फिल्म निर्माण का काम शुरू किया तो अपनी पहली निर्मित और निर्देशित फिल्म "आशा" में किशोर कुमार को ही बतौर नायक मौका दिया. नायिका बनी वैजैन्तीमाला. "पहली झलक" में राजेंदर कृष्ण और हेमंत कुमार पर गीत संगीत का भार था तो "भाई भाई" में राजेंदर कृष्ण और मदन मोहन पर. "आशा" में एक बार फिर राजेंदर कृष्ण ने गीत लिखे, लेकिन संगीतकार एक बार फिर बदलकर बने सी रामचंद्र. इस फिल्म में सी रामचंद्र ने एक ऐसा गीत दिया किशोर कुमार और आशा भोंसले को जो इन दोनो के संगीत सफ़र का एक मील का पत्थर बनकर रह गया. "ईना मीना डीका" का शुमार सदाबहार 'क्लब सॉंग्स' में होता है. इस गीत की धुन, 'ऑर्केस्ट्रेशन', संगीत संयोजन, और 'कॉरल सिंगिंग', कुल मिलकर यह गीत उस ज़माने के 'क्लब्स' और 'पार्टीस' में बजनेवाले 'ऑर्केस्ट्रा