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पिया मेहंदी लियादा मोती झील से...जाके सायिकील से न...

मिट्टी के गीत में- कजली गीत मिर्जापुर उत्तर प्रदेश में एक लोक कथा चलती है, कजली की कथा. ये कथा विस्थापन के दर्द की है. रोजगार की तलाश में शहर गए पति की याद में जल रही है कजली. सावन आया और विरह की पीडा असहनीय होती चली गयी. काले बादल उमड़ घुमड़ छाए. कजली के नैना भी बरसे. बिजली चमक चमक जाए तो जैसे कलेजे पर छुरी सी चले. जब सखी सहेलियां सवान में झूम झूम पिया संग झूले, कजली दूर परदेश में बसे अपने साजन को याद कर तड़प तड़प रह जाए. आह ने गीत का रूप लिया. काजमल माई के चरणों में सर रख जो गीत उसने बुने, उन्ही पीडा के तारों से बने कजरी के लोकप्रिय लोक गीत. सावन में गाये जाने वाले ये लोकगीत अमूमन औरतों द्वारा झुंड बना कर गाये जाते हैं (धुनमुनिया कजरी). कजरी गीत गावों देहातों में इतने लोकप्रिय हैं की हर बार सावन के दौरान क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा गाये इन गीतों की cd बाज़ार में आती है और बेहद सुनी और सराही जाती है. आसाम की वादियों और कश्मीर की घाटियों की सैर के बाद आईये चलते हैं विविधताओं से भरे पूरे प्रदेश, उत्तर प्रदेश की तरफ़. कण कण में संगीत समेटे उत्तर प्रदेश में गाये जाने वाले सावन के गीत कजरी क

आस्था और विश्वास के ३०० वर्ष (विश्व भर के सिख समुदायों को आवाज़ की शुभकामनायें)

लगभग ३०० वर्ष पहले, एक अकेला इंसान बुराई और अत्याचार के ख़िलाफ़ खड़ा हुआ. उसने बहुत से नुकसान उठाये और कष्ट सहे. उनके माता-पिता का कत्ल कर दिया गया. चार बच्चों को मौत के घाट उतार दिया गया. दो मासूमों को तो दीवारों में चुनवा दिया गया जिनकी उम्र मात्र ९ और ७ वर्ष थी. जब दुश्मनों ने उन्हें चारों तरफ़ से घेर लिया तो भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, वह परमेश्वर की तरफ़ मुड़ा ख़ुद को सबल करने के लिए. ये कविता उसी शख्स की है. पटना,बिहार में जन्मे श्री गुरु गोविन्द सिंह (दिसम्बर २२,१६६६ - ७ अक्टूबर १७०८) जी सिखों के दसवें गुरु थे जिनके बाद ग्यारहवें और अन्तिम गुरु के रूप में गुरु ग्रन्थ साहिब की स्थापना हुई थी. ये पवित्र ग्रन्थ वास्तव में सिख विश्वास का आधार है. सभी दसों गुरुवों के जीवन काल को समेटे १४३० पृष्ठों के इस महाग्रंथ के संकलन का काम सबसे पहले पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने शुरू किया था. गुरमुखी या संत भाषा में लिखे इस आदि ग्रन्थ के ३०० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य विश्व भर में बसे सभी सिख मित्रों और उनके परिवारों को आवाज़ परिवार बधाइयाँ संप्रेषित कर रहा है, श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के लिखे

पहले चरण की दूसरी समीक्षा में कांटे की टक्कर, सितम्बर के सिकंदरों की

सितम्बर के सिकंदर गीत समीक्षा की पहली परीक्षा से गुजर चुके हैं, आईये जानें हमारे दूसरे समीक्षक की क्या राय है इनके बारे में - पहला गीत खुशमिज़ा़ज मिट्टी । मेरा मानना है कि ये गीत अब तक के सबसे संपूर्ण गीतों में से एक है । इस पर बहस की कोई गुंजाईश ही नहीं है । गायक संगीतकार ने इसके बोलों को बहुत ही संवेदनशीलता के साथ निभाया है । सुबोध साठे को बधाई । गौरव के बोल एक पके हुए गीतकार की कलम से निकले लगते हैं । आवाज़ के सबसे अच्‍छे गीतों में से एक है ये । गीत- 5, धुन और संगीत संयोजन—5, गायकी और आवाज़—5, ओवारोल प्रस्तुति—5 कुल अंक 20 / 20 यानी 10 / 10, कुल अंक अब तक (पहली और दूसरी समीक्षा को मिला कर)= 19 /20 दूसरा गीत— राहतें सारी मुझे लगता है कि इस गाने से किसी भी पक्ष में पूरा न्‍याय नहीं हुआ है । मोहिंदर जी के इस गीत के पहले दो अंतरे अच्‍छे हैं । पर आखिरी दो अंतरे कमजोर लगे । उनमें ‘गेय तत्‍त्‍व’ की कमी नज़र आई । कृष्‍ण राज कुमार ने कोशिश की है कि इस गाने को बहुत ही नाजुक-सा बनाया जाये । पर मुझे लगता है कि इस आग्रह की वजह से गाने के प्रभाव पर बहुत बुरा असर पड़ा है । इस गाने को और चमकाया जा

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'उद्धार'

प्रेमचंद की मर्मस्पर्शी कहानी 'उद्धार' का प्रसारण 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना ' आख़िरी तोहफ़ा ' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की एक और मर्मस्पर्शी कहानी 'उद्धार' , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) (Broadband कनैक्शन वालों के लिए) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें। #Ninth Story, Uddhaar: Munsi Premchand/Hindi Aud

सुनिए करवाचौथ पर कविता तथा संगीतबद्ध गीत

करवाचौथ पर हिन्द-युग्म की खास पेशकश आज यानी की कार्तिक कृण्ण पक्ष की चतुर्थी को पूरे भारतवर्ष में सुहागिन स्त्रियाँ अपने पतियों की लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। अभी पिछले सप्ताह हमने इसी त्यौहार को समर्पित शिवानी सिंह का गीत 'ऐसा नहीं कि आज मुझे चाँद चाहिए, मुझको तुम्हारे प्यार में विश्वास चाहिए' ज़ारी किया था। हिन्द-युग्म आज इन्हीं सुहागनों को अपने ख़जाने से एक कविता समर्पित कर रहा है। हमने इस वर्ष के विश्व पुस्तक मेला में अपना पहला संगीतबद्ध एल्बम ज़ारी किया था, जिसमें १० कविताओं और १० गीतों का समावेश था। इसी एल्बम की एक कविता है 'करवाचौथ' जिसे विश्व दीपक 'तन्हा' ने लिखा है। इस कविता को आवाज़ दी है रूपेश ऋषि ने। इस कविता के तुरंत बाद हमने इसी एल्बम में सुनीता यादव द्वारा स्वरबद्ध किया तथा गाया हुआ गीत 'तू है दिल के पास' । हम समझते हैं कि अपने पतियों की लम्बी उम्र की आकांक्षी महिलाओं को हमारा यह उपहार ज़रूर पसंद आयेगा। विश्वास का त्योहार ओ चाँद तुझे पता है क्या? तू कितना अनमोल है देखने को धरती की सारी पत्नियाँ बेसब्र फलक को ताकेंगी

मैं इबादत करूँ...या मोहब्बत करूँ.....

दूसरे सत्र के सोलहवें गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज - सूफी संगीत की मस्ती का आलम कुछ अलग ही होता है. आज आवाज़ पर हम आपको जिस संगीत टीम से मिलवा रहे हैं उनका संगीत भी कुछ युहीं डुबो देने वाला है. भोपाल मध्य प्रदेश की यह संगीत टीम अब तक आवाज़ पर पेश हुई किसी भी संगीत टीम से बड़ी है, सदस्यों की संख्या के हिसाब से. आप कह सकते हैं कि ये एक मुक्कमल संगीत टीम है, जहाँ गायक, संगीत संयोजक गीतकार और सभी सजिंदें एक टीम की तरह मिल कर काम करते हैं. टीम की अगुवाई कर रहे हैं गायक अरेंजर और रिकोरडिस्ट कृष्णा पंडित और निर्देशक हैं चेतन्य भट्ट . साथ में हैं गीटारिस्ट सागर , रिदम संभाला है हेमंत ने गायन में कृष्णा का साथ दिया है अभिषेक और रुद्र प्रताप ने. इस सूफियाना गीत के बोल लिखे हैं गीतकार संजय दिवेदी ने. पूरी टीम ने मिलकर एक ऐसा समां बंधा है की सुनने वाला कहीं खो सा जाता है. तो सुनकर आनंद उठायें इस बेहद मदमस्त गीत का और इस दमदार युवा संगीत टीम को अपना आशीर्वाद और प्रेम देकर हौसला अफजाई दें. गीत को सुनने के लिए नीचे वाले प्लेयर पर क्लिक करें - A complete sufi band is here to present the 16th song of

कोशिश जब तेरी हद से गुज़र जायेगी...मंजिल ख़ुद ब ख़ुद तेरे पास चली आएगी

पिछले लगभग एक हफ्ते से हम आपको सुनवा रहे हैं एक ऐसे गायक को जिसने अपनी खनकती आवाज़ में संगीतमय श्रद्धाजंली प्रस्तुत की अजीम ओ उस्ताद शायरों को,जिसे आप सब ने सुना और बेहद सराहा भी. , लीजिये आज हम आपके रूबरू लेकर आये हैं उसी जबरदस्त फनकार को जिसकी आवाज़ में सोज़ भी है और साज़ भी और जिसका है सबसे मुक्तलिफ़ अंदाज़ भी. आवाज़ की खोजी टीम निरंतर नई और पुरकशिश आवाजों की तलाश में जुटी है, और हमें बेहद खुशी और फक्र है की हम कुछ नायाब आवाजों को आपके समक्ष लाने में सफल रहे हैं. आवाज़ की टीम आज गर्व के साथ पेश कर रही है गायन और संगीत की दुनिया का एक बेहद चमकता सितारा - शिशिर पारखी. इससे पहले कि हम शिशिर जी से मुखातिब हों आईये जान लें उनका एक संक्षिप्त परिचय. एक संगीतमय परिवार में जन्में शिशिर को संगीत जैसे विरासत में मिला था. उनकी माँ श्रीमती प्रतिमा पारखी संगीत विशारद और बेहद मशहूर संगीत अध्यापिका होने के साथ साथ पिछले ३५ वर्षों से आल इंडिया रेडियो की ग्रेडड आर्टिस्ट भी हैं. स्वर्गीय पिता श्री शरद पारखी बोकारों के SAIL प्लांट में चीफ आर्किटेक्ट होने के साथ साथ एक बेहतरीन संगीतकार और संगीत प्रेमी थे, द