रफ़ी साहब की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजली एक चित्र-प्रदर्शनी के ज़रिये, चित्रकार हैं श्रीमती मधुछंदा चटर्जी
ओल्ड इज़ गोल्ड - शनिवार विशेष - 52 ओल्ड इज़ गोल्ड' के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का इस 'शनिवार विशेषांक' में। दोस्तों, 'ओल्ड इज़ गोल्ड' ७०० अंक पूरे कर चुका है, और अब देखते ही देखते 'शनिवार विशेषांक' भी आज अपना एक साल पूरा कर रहा है। पिछले साल ३१ जुलाई की शाम हमनें इस साप्ताहिक स्तंभ की शुरुआत की थी 'ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने' के रूप में, और उस पहले अंक में हमनें गुड्डो दादी का ईमेल शामिल किया था जो समर्पित था गायिका सुरिंदर कौर को। आज ३० जुलाई 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेषांक' की ५२ वी कड़ी में हम नमन कर रहे हैं गायकी के बादशाह मोहम्मद रफ़ी साहब को, जिनकी कल ३१ जुलाई को पुण्यतिथि है। लेकिन उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करने का ज़रिया जो हमने चुना है, वह ज़रा अलग हट के है। हम न उन पर कोई आलेख प्रस्तुत करने जा रहे हैं और न ही उन पर केन्द्रित कोई साक्षात्कार लेकर आये हैं। बल्कि हम प्रस्तुत कर रहे हैं एक चित्र-प्रदर्शनी। यह रफ़ी साहब के चित्रों की प्रदर्शनी ज़रूर है, लेकिन यह प्रदर्शनी खींची हुई तस्वीरो