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ऑडियो: रामनिवास मानव की लघुकथा परिचित

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में दीपक मशाल की लघुकथा बेचैनी " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है  रामनिवास मानव  की लघुकथा परिचित , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " परिचित " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। डॉ. रामनिवास मानव जन्म: 2 जुलाई 1954; तिगरा, महेन्द्रगढ़ (हरियाणा)। अब तक कुल बत्तीस पुस्तकें प्रकाशित। हरियाणा के समकालीन हिन्दी-साहित्य के प्रथम शोधार्थी तथा अधिकारी विद्वान। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "बिना ख़ाना-पूर्ति किये हम सामान तुम्हें कैसे दे सकते हैं?”  

बोलती कहानियाँ: बेचैनी (लघुकथा)

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में शरद जोशी के व्यंग्य रेल यात्रा " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है दीपक मशाल  की लघुकथा बेचैनी , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " बेचैनी " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कुछ बड़े लोगों से मिला था कभी, तबसे कोई बड़ा नहीं लगता इतनी बौनी है दुनिया कि कोई, खड़ा हुआ भी खड़ा नहीं लगता  ~ दीपक मशाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "हाँ जी पहुँच गये हैं गेट पर।”  ( दीपक मशाल की लघुकथा "बेचैनी" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें.

ऑडियो कहानी: रेल यात्रा (शरद जोशी)

'सुनो कहानी' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने कान्ता राॅय लिखित लघुकथा " साइकिल चोर " का पॉडकास्ट शीतल माहेश्वरी के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शरद जोशी लिखित व्यंग्य " रेल यात्रा ", जिसको स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत व्यंग्य का गद्य " हिन्दी समय " पर उपलब्ध है। "रेल यात्रा" का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 16 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखन मेरा निजी उद्देश्य है ... मैं इससे बचकर जा भी नहीं सकता। ~ पद्मश्री शरद जोशी (जन्म 21 मई 1931; उज्जैन) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी सामान रख दोगे तो बैठोगे कहाँ? बैठ जाओगे तो सामान कहाँ रखोगे? दोनों कर दोगे तो दूसरा कहाँ बैठेगा? वो बैठ

ऑडियो: साइकिल चोर (कान्ता राॅय)

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने स्पेन से  पूजा अनिल  के स्वर में के स्वर में  सुधीर द्विवेदी  की लघुकथा  " एक बार फिर " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं कांता रॉय की लघुकथा ' साइकिल चोर ' ,  शीतल माहेश्वरी के स्वर में। प्रस्तुत लघुकथा का गद्य " सेतु पत्रिका " पर उपलब्ध है। " साइकिल चोर " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 2 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कान्ता राॅय:  हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मध्यप्रदेश लेखक संघ , कलामंदिर भोपाल, विश्व मैत्री संघ मुंबई. सेवाभारती, आनंद आश्रम भोपाल की आजीवन सदस्य, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सम्मानित सदस्य। वाचिका: शीतल माहे