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कर ले प्यार कर ले के दिन हैं यही...आशा का जबरदस्त वोईस कंट्रोल

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 42 हे लेन का अंदाज़ और आशा भोंसले की आवाज़. ऐसा लगता है जैसे आशाजी की आवाज़ हेलेन के अंदाज़ों की ही ज़ुबान है. इसमें कोई शक़ नहीं कि अपनी आवाज़ से अभिनय करनेवाली आशा भोंसले ने हेलेन के जलवों को पर्दे पर और भी ज़्यादा प्रभावशाली बनाया है. चाहे ओ पी नय्यर हो या एस डी बर्मन, या फिर कल्याणजी आनांदजी, हर संगीतकार ने समय समय पर इस आशा और हेलेन की जोडी को अपने दिलकश धुनों से बार बार सजीव किया है हमारे सामने. आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में आशा भोंसले, हेलेन और एस डी बर्मन मचा रहे हैं धूम फिल्म "तलाश" के एक 'क्लब सॉंग' के ज़रिए. ऐसे गीतों के लिए उस ज़माने में आशा भोंसले के अलावा किसी और गायिका की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. लेकिन आशाजी के लिए बर्मन दादा का यह गीत इस अंदाज़ का पहला गीत नहीं है. क्या आप को पता है कि आशाजी ने बर्मन दादा के लिए ही पहली बार एक 'कैबरे सॉंग' गाया था फिल्म टॅक्सी ड्राइवर (1953) में? इतना ही नहीं, आशाजी का गाया हुआ बर्मन दादा के लिए यह पहला गाना भी था. याद है ना आपको वो गीत? चलिए हम याद दिला देते हैं, वो गीत था टॅक्सी

मेरी दुनिया है माँ तेरे आंचल में...

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 05 दोस्तों, पिछले दिनों मुझे एक एस एम् एस मिला था मेरे किसी दोस्त से, जिसमें माँ पर एक बहुत अच्छी बात कही गयी थी, जो मैं आप के साथ बाँटना चाहूँगा. उस एस एम् एस में लिखा गया था "क्या आप जानते हैं माँ भगवान से भी बढ्कर क्यूँ है? क्यूंकि भगवान तो हमारे नसीब में सुख और दुख दोनो देकर भेजते हैं, लेकिन हमारी माँ हमें सिर्फ़ और सिर्फ़ सुख ही देना चाहती है." सच दोस्तों, इस दुनिया में अगर कोई चीज़ अनमोल है तो वो है माँ की ममता, माँ का प्यार. माँ के आँचल का महत्व वही जान सकता है जिसकी माँ नहीं है. हमारी हिन्दी फिल्मों में भी माँ को एक ऊँचा स्थान दिया गया है. कई गीत भी बने हैं. आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में हम हर माँ को कर रहे हैं सलाम फिल्म "तलाश" के एक गीत के ज़रिए. संगीतकार सचिन देव बर्मन ने इस फिल्म में उत्कृष्ट संगीत तो दिया ही था, उन्होने अपनी आवाज़ में एक ऐसा गीत गाया था जो अपने आप में अद्वितीय है, अनूठा है. 1969 में प्रदर्शित ओ पी रलन के इस फिल्म में बर्मन दादा ने गाया था "मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में". बर्मन दादा के गाए गीतों में