चित्रशाला - 08
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
जब फ़िल्मी नायक असली ज़िन्दगी में बन गए खलनायक
बादशाह शाहरुख़ ख़ान के चाहनेवालों की कोई कमी नहीं है, पर बादशाह का दर्जा पा कर कई बार शाहरुख़ यह भूल गए कि देश के तमाम कानून उन पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसा एक साधारण आदमी पर। सलमान ख़ान के साथ उनके झड़प का ज़िक्र तो हम उपर कर ही चुके हैं, अन्य विवादों का ज़िक्र करते हैं। अपने तीसरे संतान के जन्म से पहले शाहरुख़ ने उसका लिंग जाँच करवाया था जो ग़ैर कानूनी है। हालाँकि शाहरुख़ ने स्वीकार नहीं किया, महाराष्ट्र सरकार ने छानबीन करने की घोषणा की थी। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना ग़ैरकानूनी है। इस निर्देश का पालन साधारण लोग तभी करेंगे जब समाज के प्रसिद्ध लोग इसका पालन करेंगे। यह फ़िल्मकलाकारों का दायित्व है कि वो ऐसा कुछ ना करे जिससे समाज और ख़ास तौर से युवा वर्ग को ग़लत संदेश जाए। लेकिन शाहरुख़ को शायद इस बात का इल्म ही नहीं। कई बार वो सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीते हुए नज़र आए हैं। जब जयपुर के सवाइ मान सिंह स्टेडिअम में सिगरेट पीते देखे गए तो एक व्यक्ति ने उनकी तसवीर खींच कर उनके ख़िलाफ़ अदालत में मामला ठोक दिया। शाहरुख़ कई बार सामाजिक नेटवर्किंग् स्थलों पर भी अश्लील बातें पोस्ट करने से नहीं कतराते। एक बार एक युवती ने मज़ाक में उनसे ट्वीटर पर पूछा कि क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है? इसके जवाब में शाहरुख़ ने लिखा "मेरे टूथपेस्ट में नमक है या नहीं यह तो मुझे नहीं पता लेकिन तुम्हारे किसी अंग में मिर्च ज़रूर है।" शाहरुख़ को लेकर जो सबसे बड़ा विवाद रहा वह था मुंबई के वांखेडे स्टेडिअम में मई 2012 में KKR और Mumbai Indians के बीच IPL मैच के बाद सिक्युरिटी गार्ड और MCA के कर्मचारियों के साथ उनका झड़प। इस घटना के बाद MCA ने शाहरुख़ पर उस स्टेडिअम में पाँच साल के लिए बैन लगा दिया। हाल ही में यह बैन तीन साल बाद वापस ले लिया गया।
असली ज़िन्दगी के खलनायकों की शृंखला में अगला नाम है फ़रदीन ख़ान का। ड्रग स्कैन्डल में दर्ज होने वाले फ़िल्मी कलाकारों में केवल संजय दत्त का नाम ही नहीं , बल्कि कई और नाम हैं। और उन नामों में एक नाम है फ़रदीन ख़ान का। वो कोकेन ख़रीदते हुए पकड़े गए और Narcotics and Psychotropic Substances (NDPS) Act के Section 27 उन पर लागू हुआ। क्योंकि वो इसे कम मात्रा में व्यक्तिगत सेवन के लिए ख़रीदा था, इसलिए उन पर कानूनी कार्यवाही नहीं हुई पर उनके द्वारा अदालत को यह आश्वस्त करने के बाद कि वो अपना नशा-मुक्ति करवाएँगे। ड्रग-परिवाद में अभियुक्त होने वाले फ़िल्मी कलाकारों में अगला नाम है अभिनेत्री ममता कुलकर्णी और उनके पति विकी गोस्वामी का जो पकड़े गए थे कीनिया में ड्रग तस्करी कर रहे थे। अपूर्व अग्निहोत्री (फ़िल्म ’परदेस’ के सहनायक) और उनकी पत्नी शिल्पा 2013 में एक पार्टी में ड्रग्स लेते हुए पकड़े गए। अभिनेता विजय राज़ संयुक्त को अरब अमीरात के पुलिस ने गिरफ़्तार किया था क्योंकि उनके पास से ड्रग्स बरामद हुए थे। विक्रम भट्ट निर्देशित फ़िल्म ’दीवाने हुए पागल’ की शूटिंग् के दौरान की यह घटना थी। | Shiney Ahuja & Inder Kumar being taken to custody |
अपराधों में एक अपराध है किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए जाने या अनजाने में उकसाना। और
इस अपराध के दायरे में आए अभिनेता आदित्य पंचोली व अभिनेत्री ज़रीना वहाब के सुपुत्र सूरज पंचोली, जिन्होंने अभी हाल ही में सुभाष घई की फ़िल्म ’हीरो’ से फ़िल्म जगत में क़दम रखा है। वैसे पिता आदित्य पंचोली का दामन भी कोई साफ़ सुथरा दामन नहीं था। कुछ समय पहले आदित्य को जुहु बीच के एक पब में एक बाउन्सर के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। ज़मानत पर वो रिहा हुए अगले दिन। बस इतना ही नहीं, आदित्य पंचोली की पूर्व-प्रेमिका थीं पूजा बेदी। पूजा बेदी के साथ सम्बन्ध के दौरान एक बार पूजा के घर पर उसकी नाबालिग नौकरानी से बलात्कार करने की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद पूजा ने आदित्य से किनारा कर लिया था। आदित्य ने संघर्षरत अभिनेत्री कंगना रनौत से भी सम्बन्ध कायम करने की कोशिशें की थी पर नाकामयाब रहे। पिता का यह गुण पुत्र में भी अब दिखाई दे रहा है। सूरज पंचोली ने अभिनेत्री जिया ख़ान से दोस्ती बढ़ाई, नज़दीक़ियाँ बढ़ीं, जिया गर्भवती भी हुईं और मजबूरी में उन्हें गर्भपात भी करवाना पड़ा। पर सूरज ने कभी जिया को गम्भीरता से नहीं लिया जाकि जिया उससे सच्चे दिल से प्यार करने लगी थी। मानसिक पीड़ा इतनी बढ़ गई कि अन्त में जिया ने इस दुनिया से किनारा कर लेने में ही अपनी भलाई समझी। सूरज गिरफ़्तार हुआ, जिया की माँ राबिया ख़ान ने मामला ठोक दिया, मामले का अंजाम अभी जारी है।
| Aditya & Sooraj - Like Father Like Son |
शोषण केवल महिलाओं का ही हो यह ज़रूरी नहीं। पुरुषों का भी शोषण होता चला आया है, ख़ास तौर से
समलैंगिक शोषण। इसके दो प्रमुख उदाहरण हैं गायक/अभिनेता सोनू निगम और वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार सुभाष के. झा वाला क़िस्सा, और दूसरा अभिनेता युवराज पराशर और फ़िल्मकार ओनिर के बीच का क़िस्सा। कुछ साल पहले सोनू निगम ने मीडिया को यह स्कूप दिया कि सुभाष झा उन पर यौन उत्पीड़न कर रहे हैं, उन्हे अश्लील संदेश भेज रहे हैं मोबाइल पर, और उनके साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने के लिए अनुनय विनय कर रहे हैं। सोनू के बार बार यह कहने पर भी कि उन्हें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है, सुभाष ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और जब कुछ ना हो पाया तो सोनू के बारे में बुरी बातें अपने लेखों में लिखने लगा। इस आरोप के उत्तर में सुभाष झा ने यह सफ़ाई दी कि पहली बात तो यह कि सोनू को अगर मैंने सचमुच कोई पीड़ा पहुँचाई है तो वो पुलिस और अदालत का दरवाज़ा ना खटखटा कर मीडिया में क्यों चले गए? इसी से पता चलता है कि सोनू ने ये सब पब्लिसिटी या मेरे साथ किसी दुश्मनी की वजह से किया। जब मैं उनके बारे में अच्छी बातें लिखता था, तब उन्हें मेरे साथ सम्बन्ध रखने में कोई परेशानी नहीं थी। ऐसा ही क़िस्सा था युवराज पराशर और ओनिर के बीच का। युवराज ने मीडिया को बताया कि ओनिर ने उनका बलात्कार किया अपने घर बुला कर। ओनिर ने साफ़-साफ़ कहा कि युवराज कोई बेबस लाचार बच्चा नहीं है जिसका वो बलात्कार कर सके। युवराज उच्चता और शारीरिक गठन में उनसे बड़े हैं, ताक़तवर हैं। जो कुछ भी हुआ था दोनों की सहमति से हुआ था, युवराज को मेरे फ़िल्म में काम मिलने की उम्मीद थी, इसलिए उन्हें तब कोई परेशानी नहीं थी। किसी वजह से मेरी फ़िल्म में उसे चान्स नहीं मिला तो अब मीडिया को ये सब बातें बता रहा है।
| Sonu Nigam & Yuvraaj Parashar |
खोज, आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी
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