स्वरगोष्ठी – 362 में आज     दस थाट, बीस राग और बीस गीत – 1 : राग कल्याण अर्थात यमन और भूपाली      विदुषी किशोरी अमोनकर से भूपाली का खयाल और मुकेश से कल्याण में एक फिल्मी गीत सुनिए              किशोरी अमोनकर     मुकेश   ‘रेडियो  प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ  हो रही एक नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, बीस राग और बीस गीत’ के प्रथम अंक में  मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ।  आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। भारतीय संगीत के अन्तर्गत  आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय  संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग  होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5  स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है।  सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट  कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72  मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति मे...