रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 9  में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं दीपक शर्मा  की एक कथा " खेमा ", अनुराग शर्मा  के स्वर में।    उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित लेखिका दीपक शर्मा की रचनाओं का परिवेश जितना व्यापक है, उतना ही प्रामाणिक भी। उनके जैसी प्रामाणिकता हिंदी में कहीं और नहीं दिखती है, और न ही वैसा विस्तार। बीसियों पत्रिकाओं व अनेक संकलनों में अब तक सैकड़ों कहानियाँ आ चुकी हैं।   हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी   पाँच साल पहले तपेदिक से हुई माँ की मृत्यु के बाद ही से क्वार्टर में अब केवल बाबा और मैं ही रहते हैं।  ( दीपक शर्मा की "खेमा" से एक अंश )       यूट्यूब पर सुनिये  एंकर पर सुनिये    गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये  कहानी " खेमा " का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें...