श्रीलाल शुक्ल के एक व्यंग्य 'काश' का प्रसारण 'सुनो कहानी' के अंतर्गत आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्रीलाल शुक्ल का एक व्यंग्य काश। इस व्यंग्य में प्रशासनिक कार्य व्यवस्था पर प्रहार करते हुए आकस्मिक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति का बड़ा सजीव चित्रण किया गया है जो आपको हंसाता भी है और सताता भी है। आईये सुनें  " काश ", जिसको स्वर दिया है शोभा महेन्द्रू  ने। शोभा जी का नाम आवाज़  के श्रोताओं के लिए नया नहीं है। उनकी रचनाएं हमें हिंद-युग्म  पर पढने को और पॉडकास्ट कवि सम्मलेन  में सुनने को मिलती रही हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर हमने प्रेमचंद की कहानी प्रेरणा  को शोभा जी के स्वर में प्रस्तुत किया था। इसके अलावा शोभा जी की आवाज़ को विमल चंद्र पाण्डेय की कहानी ' स्वेटर ' के नाट्य रूपांतर में और मन्नू भंडारी की कहानी अकेली  में भी बहुत पसंद किया गया था. सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें: (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)  आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटक...