स्वरगोष्ठी – 279 में आज     मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 12 : समापन कड़ी में खुशहाली का माहौल     “भोर आई गया अँधियारा सारे जग में हुआ उजियारा...”            ‘रेडियो  प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच जारी हमारी  श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ की यह समापन कड़ी है।  श्रृंखला की बारहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी  के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का एक बार फिर हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह  श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का सहयोग लिया है।  हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित  गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हमने मदन मोहन के  स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की चर्चा की और फिर उस राग की उदाहरण सहित  जानकारी भी दी। श्रृंखला की बारहवीं कड़ी में आज हम आपको राग अल्हैया बिलावल  के स्वरों में पिरोये गए 1972 में प्रदर्शित फिल्म ‘बावर्ची’ से एक  सुमधुर, उल्लास से परिपूर्ण गीत का रसास्वादन करा...