रंगोत्सव पर सभी पाठकों और श्रोताओं को हार्दिक मंगलकामना          स्वरगोष्ठी – 459 में आज     काफी थाट के राग – 3 : राग शहाना     पण्डित जितेन्द्र अभिषेकी से राग शहाना में होली गीत और विस्मृत गायिका मंजु से फिल्मी ठुमरी सुनिए              पण्डित जितेन्द्र अभिषेकी     फिल्म "गाली" का एक पोस्टर   “रेडियो  प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी  श्रृंखला “काफी थाट के राग” की तीसरी कड़ी में रंगारंग होली पर्व पर मैं  कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ।  भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा  थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र  अर्थात कुल बारह स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए इन बारह  स्वरों में से कम से कम पाँच का होना आवश्यक होता है। संगीत में थाट रागों  के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के बारह में से मुख्य सात स्वरों के  क्रमानुसार उस समुदाय को थाट कहते हैं, जिससे राग उत्पन्न होते हों। थाट को  मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत प...