स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल – 29    जुड़वा बहनों की कहानी से माँ ने मुझे प्रेरित करने का प्रयास किया          भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित  विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का  हार्दिक स्वागत है। गत जून मास के दूसरे गुरुवार से हमने आपके संस्मरणों पर  आधारित प्रतियोगिता ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का आयोजन किया है। इस स्तम्भ  में हमने आपके प्रतियोगी संस्मरण और रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक  मण्डल के सदस्यों के गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत किये हैं। पिछले अंक  में प्रस्तुत किये गए प्रतियोगी संस्मरण को हमने इस श्रृंखला का समापन  संस्मरण घोषित किया था। परन्तु हमे विलम्ब से हमारी एक श्रोता/पाठक का एक  और संस्मरण प्राप्त हो गया। आज के अंक में उसी संस्मरण को प्रस्तुत कर रहे  हैं। अब हम इस प्रतियोगिता का परिणाम जनवरी के दूसरे गुरुवार को घोषित  करेंगे। ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ प्रतियोगिता के आज के समापन अंक  में हम प्रस्तुत कर रहे है, लखनऊ निवासी, एक गृहणी श्रीमती सुमन दीक्षित का  संस्मरण। सुम...