दीपोत्सव पर सभी पाठकों और श्रोताओं को हार्दिक शुभकामनाएँ            स्वरगोष्ठी – 440 में आज     भैरव थाट के राग – 6 : राग गुणकली      संजीव अभ्यंकर से राग गुणकली में शास्त्रीय रचना और मुहम्मद रफी से फिल्मी गीत सुनिए               संजीव अभ्यंकर     मुहम्मद रफी   “रेडियो  प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी  श्रृंखला “भैरव थाट के राग” की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, दीपावली  पर्व पर आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत  के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट-व्यवस्था  है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों  का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से  कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट, रागों के वर्गीकरण की  पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय  को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति  में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का  प्...