स्वरगोष्ठी – 160 में आज   रागों के रस-रंग से अभिसिंचित फिल्मों में राधाकृष्ण की होली    ‘बिरज में होली खेलत नन्दलाल...’            ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर  ‘स्वरगोष्ठी’ के एक नए अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब  संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, पिछली कड़ी में  अबीर-गुलाल के उड़ते सतरंगी बादलों के बीच सप्तस्वरों के माध्यम से सजाई गई  महफिल में आपने धमार के माध्यम से होली के मदमाते परिवेश की सार्थक अनुभूति  की है। हम यह चर्चा पहले भी कर चुके हैं कि भारतीय संगीत की सभी शैलियों-  शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, सुगम, लोक और फिल्म संगीत में फाल्गुनी रस-रंग में  पगी रचनाएँ मौजूद हैं, जो हमारा मन मोह लेती हैं। इस श्रृंखला में अब तक  हमने फिल्म संगीत के अलावा संगीत की इन सभी शैलियों में से रचनाएँ चुनी  हैं। आज के अंक में हम विभिन्न रागों पर आधारित कुछ फिल्मी होली गीत लेकर  आपके बीच उपस्थित हुए हैं। आज हम आपको राग काफी, पीलू और भैरवी पर आधारित  फिल्मी होली गीत सुनवा  रहे हैं।                  सां स्कृतिक दृष्टि से ब्रज की होली और इस अवसर के...