स्वरगोष्ठी – 446 में आज     नौशाद की जन्मशती पर उनके राग – 2 : राग मुल्तानी     उस्ताद अमीर खाँ के स्वर में सुनिए; “दया कर हे गिरिधर गोपाल...”           ‘              नौशाद     पण्डित रविशंकर   रेडियो  प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी  नई श्रृंखला – “नौशाद की जन्मशती पर उनके राग” की दूसरी कड़ी में मैं  कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला  में हम भारतीय फिल्म संगीत के शिखर पर विराजमान रहे नौशाद अली के  व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा करेंगे। श्रृंखला की विभिन्न कड़ियों  में हम आपको फिल्म संगीत के माध्यम से रागों की सुगन्ध बिखेरने वाले  अप्रतिम संगीतकार नौशाद अली के कुछ राग-आधारित गीत प्रस्तुत करेंगे। 25  दिसम्बर, 1919 को सांगीतिक परम्परा से समृद्ध शहर लखनऊ के कन्धारी बाज़ार  में एक साधारण परिवार में नौशाद अली का जन्म हुआ था। इस तिथि के अनुसार  दिसम्बर, 2019 को नौशाद का एक सौवाँ जन्मदिन पड़ता है। इस उपलक्ष्य में हम  “स्वरगोष्ठी” के दिसम्बर मास के प्रत्येक अंक में नौशाद के कुछ राग आधारित  ऐतिहासिक गीत प्रस्तुत...