'बोलती कहानियाँ' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा  की आवाज़ में साहित्य वाचस्पति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी ‘मास्टरजी’ की लघुकथा " झलमला " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं इब्ने इंशा  की लघुकथा " कछुआ और खरगोश ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा  ने।    कहानी " कछुआ और खरगोश " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 22 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।    यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।         सब माया है, सब चलती फिरती छाया है  तेरे इश्क़ में हमने जो खोया है जो पाया है  जो तुमने कहा और फैज़ ने जो फरमाया है  सब माया है, सब माया है।  ~ इब्ने इंशा  (1927-1978)   हर सप्ताह को यहीं पर सुनें एक नयी कहानी    काफी जमाना सुस्ता लिए तो फिर मंजिल की तरफ चल पड़े। (  इब्ने इंशा की ...