स्वरगोष्ठी – 187 में आज     फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 6 : ठुमरी भैरवी, खमाज और अड़ाना         लता जी के जन्मदिन पर शुभकामनाओं सहित समर्पित है उन्हीं की गायी ठुमरी    ‘जा मैं तोसे नाहीं बोलूँ...’                  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर मैं  कृष्णमोहन मिश्र अपनी साथी प्रस्तुतकर्त्ता संज्ञा टण्डन के साथ आप सब  संगीत-प्रेमियों का अभिनन्दन करता हूँ। आज ‘भारतरत्न’ की उपाधि से अलंकृत,  विश्वविख्यात कोकिलकंठी गायिका लता मंगेशकर की 85वीं वर्षगाँठ है। इस अवसर  पर ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ परिवार अपने हजारों पाठकों और श्रोताओं के साथ  लता जी का हार्दिक अभिनन्दन करता है। इन दिनों हमारी जारी श्रृंखला  'फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी’ के छठे अंक में आज हमने एक  ऐसी पारम्परिक ठुमरी का चयन किया है, जिसके पारम्परिक स्वरूप को अपने समय  की सुविख्यात गायिकाओं- रसूलन बाई और रोशनआरा बेगम ने स्वर दिया है, तो इसी  ठुमरी के परिमार्जित फिल्मी संस्करण को लता मंगेशकर ने अनूठे अंदाज से  प्रस्तुत क...