स्वरगोष्ठी – 128 में आज      भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति – 8      राग भूपाली पर आधारित एक मनभावन गीत- ‘पंख होते तो उड़ आती रे...’         इन दिनों ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के  साप्ताहिक मंच ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी है, लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार  की कालजयी कृति’। इस श्रृंखला की आठवीं कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र आप  सब संगीत-प्रेमियों की इस संगोष्ठी में उपस्थित हूँ और आपका हार्दिक  स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपको राग-आधारित कुछ ऐसे  फिल्मी गीत सुनवा रहे हैं, जो छः दशक से भी पूर्व के हैं। रागों के आधार के  कारण ये गीत आज भी सदाबहार गीत के रूप में हमारे बीच प्रतिष्ठित हैं।  परन्तु इनके संगीतकार हमारी स्मृतियों में धूमिल हो गए हैं। इस श्रृंखला को  प्रस्तुत करने का हमारा उद्देश्य यही है कि इन कालजयी, राग आधारित गीतों  के माध्यम से हम उन भूले-बिसरे संगीतकारों को स्मरण करें। आज के अंक में हम  आपको भारतीय संगीत के एक अत्यन्त मधुर राग ‘भूपाली’ पर आधारित, फिल्म  ‘सेहरा’ का एक गीत सुनवाएँगे और इस गीत के विस्मृत संगीतकार रामलाल का  स्मरण करेंगे। इसके स...