स्वरगोष्ठी – 242 में आज      संगीत के शिखर पर – 3 : जगजीत सिंह के गजल, गीत और भजन      जगजीत सिंह के बेमिसाल मगर कमचर्चित राग प्रयोग की एक झलक               'रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक  स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी सुरीली श्रृंखला – ‘संगीत के  शिखर पर’ की तीसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का  एक बार पुनः स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय संगीत की विभिन्न  विधाओं में शिखर पर विराजमान व्यक्तित्व और उनकी प्रस्तुतियों की चर्चा  करेंगे। संगीत गायन और वादन की विविध लोकप्रिय शैलियों में किसी एक  शीर्षस्थ कलासाधक का चुनाव कर हम उनके व्यक्तित्व का उल्लेख और उनकी  कृतियों के उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। आज श्रृंखला की दूसरी कड़ी में हमारा  विषय है, गजल गायकी और इस विधा में अत्यन्त लोकप्रिय रहे गायक जगजीत सिंह  और उनकी गजल, गीत और भजन की राग आधारित प्रस्तुतियाँ। आज के अंक में हम  जगजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत राग दरबारी कान्हड़ा में निबद्ध एक द्रुत रचना,  राग भैरवी में ठुमरियाँ और राग दरबारी कान्हड़ा के स्वरों में एक कीर्तन  सुनवाएँगे।   ...