चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है मशहूर ब्लौगर, सहज व्यक्तित्व वाले समीर जी. भारत से कनाडा, कनाडा से भारत - जीने की अदभुत क्षमता है इनमें. नेट एक नशा है लोगों के लिए... इनके लिए है नेट भारत से जुड़े रहने का सुखद एहसास. मित्रों की भरमार, हितैषियों की भरमार, चाहनेवालों की भरमार. बहुत कुछ कहती है इनकी कलम, आज इनकी पसंद के गीत बहुत कुछ कहेंगे ... ५ गीतों का चयन लाखों गीतों में से आसान तो नहीं ही है...आसान बस इतना है कि जो पहले कौंध जाए. कौंधने में भी जीवन के हर मुकाम हैं -
आइये बैठ जाइये घेरकर, सुनते हैं समीर जी की पसंद ..............
जिन्दगी के अलग अलग अनुभवों से गुजरते, समय बेसमय तरह तरह के आयाम उस वक्त विशेष से एक गीत को पसंद करवाते रहे और आज उन्हीं प्यारे नगमों को सुन उन वक्तों और लम्हों को याद करना दिल को खठ्ठी मीठी यादों की तराई में ले जाकर एक अहसास छोड़ जाता है. जिन्दगी यूँ भी कभी खुशी कभी गम है...मगर ये मुए गम, देर तक भुलाये नहीं भूलते और छा जाते हैं खुशियों भरी यादों पर कोहरा बन कर......यही तो खेल है असल जिन्दगी का. लीजिये सुनिए मेरी ५ पसंद -
शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा...
अब हमें आपके पहलू में ही रहना होगा...
-फिल्म ’पड़ोसन’
जाईये आप कहाँ जायेंगे, ये नजर लौट के फ़िर आयेगी
दूर तक आप के पीछे, पीछे
मेरी आवाज चली जायेगी...
फ़िल्म :ये रात फिर ना आएगी
नीला आसमान सो गया.....
आँसूओं में रात भीगी.... फिल्म ’सिलसिला’ अमिताभ बच्चन
"युं ही तुम मुझसे बात करती हो
या कोई प्यार का इरादा है, ....फिल्म ’सच्चा झूठा’ लता जी/रफी साः..
गंगा बहती हो क्यूँ....भूपेन हजारीका
-समीर लाल ’समीर’
Comments
कल 01/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, कैसे कह दूं उसी शख़्स से नफ़रत है मुझे !
रश्मि दी आपका बहुत बहुत आभार !
सादर
सुन्दर प्रस्तुति..
शुक्रिया.