ताजा सुर ताल TST (28)
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 ओक्टुबर के एपिसोडस से लगभग अगले 20 एपिसोडस तक, जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के ६० गीतों में से पहली १० पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक -
पिछले एपिसोड में सबसे पहले पहुंची सीमा जी, तीनों जवाब उन्होंने दिए पर दो सही एक गलत, दो सही जवाबों के लिए सीमा जी ने जीते ४ अंक, और अंतिम जवाब का सही जवाब देकर दिशा जी ने कमाए २ अंक, तो अभी तक है दो महिलाओं में टक्कर, मजहर कामरान ने सुजॉय घोष और राम गोपाल वर्मा के लिए छायांकन किया है, और ब्लू के अन्य गीतों में अब्बास टायरवाला है पर थीम गीत के बोल रकीब आलम और सुखविंदर ने ही लिखे हैं जैसा कि दिशा जी जवाब में लिखा है, बधाई आप दोनों को. मंजू जी का धन्येवाद जिन्होंने अपनी रेटिंग दी गीतों को
सजीव - सुजॉय, सब से पहले तो तुम्हे 'वेल्कम बैक' कहता हूँ। उम्मीद है तुमने दुर्गा पूजा बड़ी धूम धाम से मनाई होगी!
सुजॉय - बिल्कुल सजीव, कैसे ये १० दिन निकल गए पता ही नहीं चला, और अब एक बार फिर से, पूरे जोश के साथ वापस आ गया हूँ 'आवाज़' की महफिल में। तो बताइए, आज 'ताज़ा सुर ताल' में सब से पहले कौन सा गीत आप बजाने जा रहे हैं?
सजीव - आज का पहला गीत है फ़िल्म 'दिल बोले हड़िप्पा' का, जिसका शीर्षक गीत हमने पहले सुनवाया था। आज सुनवा रहे हैं एक और वैसी ही पंजाबी रंग का "भंगड़ा बिस्तर"। इसे गाया है अलिशा चिनॉय, सुनिधि चौहान और हार्ड कौर ने।
सुजॉय - सजीव, आपको नहीं लगता कि जितनी जल्दी इस फ़िल्म का शीर्षक गीत लोगो की ज़ुबान पर चढ़ा था, उसी रफ़्तार से फ़िल्म सिनेमा घरों से उतर भी गई?
सजीव - हाँ, फ़िल्म तो फ़्लॊप रही, लगता है शाहीद और रानी की जोड़ी को लोग हज़म नहीं कर पाए। उपर से कहानी बहुत ही अवास्तविक थी, जिसकी वजह से लोगों को बहुत ज़्यादा पसंद नहीं आई। सोचिये किसी टीम के यदि ९ खिलाडी ५० रनों पर आउट हो जाए तो क्या वो टीम २३२ का लक्ष्य पार कर सकती है....:)
सुजॉय - ये जो गीत है आज का, गायक कलाकारों के नाम से मुझे ऐसा लग रहा है कि अलिशा और सुनिधि का एक साथ गाया हुआ यह पहला गीत होना चाहिए, वैसे मैं बहुत ज़्यादा श्योर नहीं। यह गीत फ़िल्माया गया है रानी और राखी सावंत पर। रानी का प्लेबैक किया सुनिधि ने और राखी का अलिशा ने। सुनिधि ने कुछ हद तक लड़के की आवाज़ में गाने की कोशिश की है क्योंकि सरदार बनी रानी के किरदार के लिए एक ऐसी आवाज़ की ज़रूरत थी कि जो लड़की की भी हो, लेकिन कुछ मर्दाना अंदाज़ के साथ।
सजीव - सुजॉय, तुम्हारी इन बातों को सुनकर मुझे तो फ़िल्म 'क़िस्मत' का वो हिट गीत याद आ रही है "कजरा मोहब्बतवाला", जिसमें शमशाद बेग़म ने बिश्वजीत का प्लेबैक किया था।
सुजॉय - हाँ, 'रफ़ू चक्कर' में भी आशा भोसले ने ऋषी कपूर का और उष मंगेशकर ने पेंटल का पार्श्वगायन किया था "छक छक छुक छुक बॉम्बे से बरोडा तक" गीत में। तो चलिए सुनते हैं यह गीत। गीतकार जयदीप साहनी और संगीत प्रीतम का। एक बात और इस गीत का फिल्मांकन बहुत शानदार हुआ है, जयदीप ने शुद्ध पंजाबी शबों से गीत को गढा है, मुझे आश्चर्य है भंगडा बिस्तर बीयर बटेर में बटेर शब्द के इस्तेमाल पर किसी ने आपत्ति नहीं उठायी, वर्ना हमारे देश लोग बस इंतज़ार करते हैं कि ऐसा कुछ मिले :)
भांगडा बिस्तर बीयर बटेर (दिल बोले हडिप्पा)
आवाज़ रेटिंग - ***1/2.
TST ट्रिविया # 04 - "दिल बोले हडिप्पा" की कहानी किस शेक्सपियर के उपन्यास पर आधारित अंग्रेजी फिल्म से प्रेरित है?
सुजॉय - थिरकता हुआ गीत हमने सुना। अब किस गीत की बारी है सजीव?
सजीव - अब बारी है 'लंदन ड्रीम्स' फ़िल्म के एक गीत की। शंकर महादेवन और साथियों की आवाज़ों में है यह गीत "मन को अति भावे सइयाँ"। शंकर अहसान लॊय के संगीत से लोगों को हमेशा ही उम्मीदें रहती हैं, और वे हर बार उन्हे निराश नहीं करते, भले ही फ़िल्म ज़्यादा चले या ना चले। 'लंदन ड्रीम्स' भी ऐसी ही एक फ़िल्म है।
सुजॉय - स्टार कास्ट तो ज़बरदस्त है इस फ़िल्म की, देखना है कि फ़िल्म कैसी चलती है। इस फ़िल्म में कुल ८ गानें हैं और ३ रिमिक्स वर्ज़न भी हैं। इस फ़िल्म के भी दो गीत हम बजा चुके हैं। इस गीत की क्या ख़ास बात है?
सजीव - इस गीत की ख़ासीयत हम यही कह सकते हैं कि यह एक तरह का फ़्युज़न है। शास्त्रीय गायन भी है, लोक संगीत का एक अंग भी है, और रीदम पाश्चात्य है। गीत के बोल में भी शुद्ध भाषा का प्रयोग हुआ है। आजकल इस तरह की शुद्ध भाषा का प्रयोग फ़िल्मी गीतों में सुनाई नहीं देता है। फ़िल्म में किस सिचुयशन में इस गीत को शामिल किया गया है यह तो नहीं मालूम, लेकिन जो भी है गीतकार प्रसून जोशी ने अच्छा ही लिखा है गीत को।
सुजॉय - शुद्ध भाषा से याद आया, फ़िल्म संगीत के सुनहरे युग में कुछ गिने चुने गीतकार ऐसे थे जिन्होने शुद्ध हिंदी का बेहद ख़ूबसूरत इस्तेमाल किया है, जैसे कि कवि प्रदीप, जी एस. नेपाली, भरत व्यास, पंडित नरेन्द्र शर्मा प्रमुख। अगर किसी और उल्लेखनीय गीतकार का नाम मैं भूल रहा हूँ तो मुझे माफ़ कीजिएगा। चलिए सुनते हैं 'लंदन ड्रीम्स' का यह गीत।
सजीव - शंकर की आवाज़ है इस गीत में, और शुद्ध हिंदी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल इस गीत को एक अलग मुकाम देता है, सुनिए -
मन को अति भाये (लन्दन ड्रीम्स)
आवाज़ रेटिंग - ****
TST ट्रिविया # 05 - वो पहला गीत कौन सा है जो प्रसून ने किसी फिल्म के लिए लिखा..?
सुजॉय - शास्त्रीय, लोक, और पाश्चात्य संगीत का अच्छा फ़्युज़न सुना हम सब ने। और अब आज का आखिरी गीत कौन सा है?
सजीव - यह एक बड़ा ही नर्मोनाज़ुक गीत है फ़िल्म 'व्हाट्स योर राशी' का। इस फ़िल्म का गुजराती रंग में रंगा गीत "सु छे" हमने सुना था। इस फ़िल्म के कुल १३ गीतों में से आज जो गीत हमने चुना है वह है "बिखरी बिखरी सी ज़ुल्फ़ें हैं क्यों"।
सुजॉय - बड़ा ही सुंदर गीत है हरिहरण की आवाज़ में। और सब से अच्छा लगता है गीत में तबले के प्रयोग का। बहुत लम्बे अरसे के बाद किसी गीत में इस तरह से तबले की ध्वनियों का प्रॊमिनेन्ट इस्तेमाल हुआ है। अच्छा, इस फ़िल्म के १२ गीत तो १२ अलग अलग राशी के किरदारों से जुड़ा हुआ है ना, तो फिर यह भी बताइए कि यह गीत किस राशी के नाम समर्पित है?
सजीव - यह है कैन्सर, यानी कि कर्कट राशी के किरदार के नाम। सोहैल सेन का इस गीत के लिए हरिहरण की आवाज़ को चुनना सार्थक रहा। हरिहरण की मखमली आवाज़ को बहुत सूट किया है यह गीत। तो सुनते हैं।
बिखरी बिखरी (व्हाट्स यूर राशि)
आवाज़ रेटिंग -****
TST ट्रिविया # 06 -आशुतोष की ये फिल्म "व्हाट्स यूर राशि" किस उपन्यास पर आधारित है और उसकी लेखिका कौन है ?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 ओक्टुबर के एपिसोडस से लगभग अगले 20 एपिसोडस तक, जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के ६० गीतों में से पहली १० पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक -
पिछले एपिसोड में सबसे पहले पहुंची सीमा जी, तीनों जवाब उन्होंने दिए पर दो सही एक गलत, दो सही जवाबों के लिए सीमा जी ने जीते ४ अंक, और अंतिम जवाब का सही जवाब देकर दिशा जी ने कमाए २ अंक, तो अभी तक है दो महिलाओं में टक्कर, मजहर कामरान ने सुजॉय घोष और राम गोपाल वर्मा के लिए छायांकन किया है, और ब्लू के अन्य गीतों में अब्बास टायरवाला है पर थीम गीत के बोल रकीब आलम और सुखविंदर ने ही लिखे हैं जैसा कि दिशा जी जवाब में लिखा है, बधाई आप दोनों को. मंजू जी का धन्येवाद जिन्होंने अपनी रेटिंग दी गीतों को
सजीव - सुजॉय, सब से पहले तो तुम्हे 'वेल्कम बैक' कहता हूँ। उम्मीद है तुमने दुर्गा पूजा बड़ी धूम धाम से मनाई होगी!
सुजॉय - बिल्कुल सजीव, कैसे ये १० दिन निकल गए पता ही नहीं चला, और अब एक बार फिर से, पूरे जोश के साथ वापस आ गया हूँ 'आवाज़' की महफिल में। तो बताइए, आज 'ताज़ा सुर ताल' में सब से पहले कौन सा गीत आप बजाने जा रहे हैं?
सजीव - आज का पहला गीत है फ़िल्म 'दिल बोले हड़िप्पा' का, जिसका शीर्षक गीत हमने पहले सुनवाया था। आज सुनवा रहे हैं एक और वैसी ही पंजाबी रंग का "भंगड़ा बिस्तर"। इसे गाया है अलिशा चिनॉय, सुनिधि चौहान और हार्ड कौर ने।
सुजॉय - सजीव, आपको नहीं लगता कि जितनी जल्दी इस फ़िल्म का शीर्षक गीत लोगो की ज़ुबान पर चढ़ा था, उसी रफ़्तार से फ़िल्म सिनेमा घरों से उतर भी गई?
सजीव - हाँ, फ़िल्म तो फ़्लॊप रही, लगता है शाहीद और रानी की जोड़ी को लोग हज़म नहीं कर पाए। उपर से कहानी बहुत ही अवास्तविक थी, जिसकी वजह से लोगों को बहुत ज़्यादा पसंद नहीं आई। सोचिये किसी टीम के यदि ९ खिलाडी ५० रनों पर आउट हो जाए तो क्या वो टीम २३२ का लक्ष्य पार कर सकती है....:)
सुजॉय - ये जो गीत है आज का, गायक कलाकारों के नाम से मुझे ऐसा लग रहा है कि अलिशा और सुनिधि का एक साथ गाया हुआ यह पहला गीत होना चाहिए, वैसे मैं बहुत ज़्यादा श्योर नहीं। यह गीत फ़िल्माया गया है रानी और राखी सावंत पर। रानी का प्लेबैक किया सुनिधि ने और राखी का अलिशा ने। सुनिधि ने कुछ हद तक लड़के की आवाज़ में गाने की कोशिश की है क्योंकि सरदार बनी रानी के किरदार के लिए एक ऐसी आवाज़ की ज़रूरत थी कि जो लड़की की भी हो, लेकिन कुछ मर्दाना अंदाज़ के साथ।
सजीव - सुजॉय, तुम्हारी इन बातों को सुनकर मुझे तो फ़िल्म 'क़िस्मत' का वो हिट गीत याद आ रही है "कजरा मोहब्बतवाला", जिसमें शमशाद बेग़म ने बिश्वजीत का प्लेबैक किया था।
सुजॉय - हाँ, 'रफ़ू चक्कर' में भी आशा भोसले ने ऋषी कपूर का और उष मंगेशकर ने पेंटल का पार्श्वगायन किया था "छक छक छुक छुक बॉम्बे से बरोडा तक" गीत में। तो चलिए सुनते हैं यह गीत। गीतकार जयदीप साहनी और संगीत प्रीतम का। एक बात और इस गीत का फिल्मांकन बहुत शानदार हुआ है, जयदीप ने शुद्ध पंजाबी शबों से गीत को गढा है, मुझे आश्चर्य है भंगडा बिस्तर बीयर बटेर में बटेर शब्द के इस्तेमाल पर किसी ने आपत्ति नहीं उठायी, वर्ना हमारे देश लोग बस इंतज़ार करते हैं कि ऐसा कुछ मिले :)
भांगडा बिस्तर बीयर बटेर (दिल बोले हडिप्पा)
आवाज़ रेटिंग - ***1/2.
TST ट्रिविया # 04 - "दिल बोले हडिप्पा" की कहानी किस शेक्सपियर के उपन्यास पर आधारित अंग्रेजी फिल्म से प्रेरित है?
सुजॉय - थिरकता हुआ गीत हमने सुना। अब किस गीत की बारी है सजीव?
सजीव - अब बारी है 'लंदन ड्रीम्स' फ़िल्म के एक गीत की। शंकर महादेवन और साथियों की आवाज़ों में है यह गीत "मन को अति भावे सइयाँ"। शंकर अहसान लॊय के संगीत से लोगों को हमेशा ही उम्मीदें रहती हैं, और वे हर बार उन्हे निराश नहीं करते, भले ही फ़िल्म ज़्यादा चले या ना चले। 'लंदन ड्रीम्स' भी ऐसी ही एक फ़िल्म है।
सुजॉय - स्टार कास्ट तो ज़बरदस्त है इस फ़िल्म की, देखना है कि फ़िल्म कैसी चलती है। इस फ़िल्म में कुल ८ गानें हैं और ३ रिमिक्स वर्ज़न भी हैं। इस फ़िल्म के भी दो गीत हम बजा चुके हैं। इस गीत की क्या ख़ास बात है?
सजीव - इस गीत की ख़ासीयत हम यही कह सकते हैं कि यह एक तरह का फ़्युज़न है। शास्त्रीय गायन भी है, लोक संगीत का एक अंग भी है, और रीदम पाश्चात्य है। गीत के बोल में भी शुद्ध भाषा का प्रयोग हुआ है। आजकल इस तरह की शुद्ध भाषा का प्रयोग फ़िल्मी गीतों में सुनाई नहीं देता है। फ़िल्म में किस सिचुयशन में इस गीत को शामिल किया गया है यह तो नहीं मालूम, लेकिन जो भी है गीतकार प्रसून जोशी ने अच्छा ही लिखा है गीत को।
सुजॉय - शुद्ध भाषा से याद आया, फ़िल्म संगीत के सुनहरे युग में कुछ गिने चुने गीतकार ऐसे थे जिन्होने शुद्ध हिंदी का बेहद ख़ूबसूरत इस्तेमाल किया है, जैसे कि कवि प्रदीप, जी एस. नेपाली, भरत व्यास, पंडित नरेन्द्र शर्मा प्रमुख। अगर किसी और उल्लेखनीय गीतकार का नाम मैं भूल रहा हूँ तो मुझे माफ़ कीजिएगा। चलिए सुनते हैं 'लंदन ड्रीम्स' का यह गीत।
सजीव - शंकर की आवाज़ है इस गीत में, और शुद्ध हिंदी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल इस गीत को एक अलग मुकाम देता है, सुनिए -
मन को अति भाये (लन्दन ड्रीम्स)
आवाज़ रेटिंग - ****
TST ट्रिविया # 05 - वो पहला गीत कौन सा है जो प्रसून ने किसी फिल्म के लिए लिखा..?
सुजॉय - शास्त्रीय, लोक, और पाश्चात्य संगीत का अच्छा फ़्युज़न सुना हम सब ने। और अब आज का आखिरी गीत कौन सा है?
सजीव - यह एक बड़ा ही नर्मोनाज़ुक गीत है फ़िल्म 'व्हाट्स योर राशी' का। इस फ़िल्म का गुजराती रंग में रंगा गीत "सु छे" हमने सुना था। इस फ़िल्म के कुल १३ गीतों में से आज जो गीत हमने चुना है वह है "बिखरी बिखरी सी ज़ुल्फ़ें हैं क्यों"।
सुजॉय - बड़ा ही सुंदर गीत है हरिहरण की आवाज़ में। और सब से अच्छा लगता है गीत में तबले के प्रयोग का। बहुत लम्बे अरसे के बाद किसी गीत में इस तरह से तबले की ध्वनियों का प्रॊमिनेन्ट इस्तेमाल हुआ है। अच्छा, इस फ़िल्म के १२ गीत तो १२ अलग अलग राशी के किरदारों से जुड़ा हुआ है ना, तो फिर यह भी बताइए कि यह गीत किस राशी के नाम समर्पित है?
सजीव - यह है कैन्सर, यानी कि कर्कट राशी के किरदार के नाम। सोहैल सेन का इस गीत के लिए हरिहरण की आवाज़ को चुनना सार्थक रहा। हरिहरण की मखमली आवाज़ को बहुत सूट किया है यह गीत। तो सुनते हैं।
बिखरी बिखरी (व्हाट्स यूर राशि)
आवाज़ रेटिंग -****
TST ट्रिविया # 06 -आशुतोष की ये फिल्म "व्हाट्स यूर राशि" किस उपन्यास पर आधारित है और उसकी लेखिका कौन है ?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
Comments
2) Rajkumar Santoshi's Lajja
regards
regards
regards