स्वरगोष्ठी – 456 में आज 
मारवा थाट के राग – 5 : राग पूरिया कल्याण 
कौशिकी चक्रवर्ती से राग पूरिया कल्याण और शंकर महादेवन व महेश काले से मराठी फिल्मी नाट्यगीत सुनिए 
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| शंकर महादेवन | 
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| कौशिकी चक्रवर्ती | 
राग पूरिया कल्याण को
 मारवा थाट जन्य माना जाता है। इसमें ऋषभ स्वर कोमल मध्यम स्वर तीव्र 
प्रयोग किया जाता है। राग का वादी स्वर गान्धार संवादी स्वर निषाद होता है।
 सायंकाल सन्धिप्रकाश का समय इस राग के गायन-वादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त 
माना जाता है। स्वयं राग के नाम से ही स्पष्ट है कि इस राग में दो रागों, 
पूरिया और कल्याण का मिश्रण है। राग के पूर्वांग में पूरिया और उत्तरांग 
में कल्याण होता है। इस राग में षडज की उपेक्षा करते हुए इसका चलन अधिकतर 
निषाद से प्रारम्भ करते हैं। इसी प्रकार उत्तरांग में तीव्र मध्यम और धैवत 
के बीच पंचम स्वर की उपेक्षा की जाती है। यह राग सन्धिप्रकाश तो है ही, 
परमेल प्रवेशक राग भी है। कारण स्पष्ट है कि यह राग मारवा थाट से कल्याण 
थाट के रागों में प्रवेश करता है। शास्त्रीय दृष्टि से इसका गायन-वादन समय 
सायंकाल सात बजे से पूर्व होना चाहिए, किन्तु प्रायः गायक और वादक रात्रि 
के दस बजे के आसपास तक कल्याण के समय में इसे गाते-बजाते है। राग पूरिया 
कल्याण के शास्त्रीय स्वरूप का दर्शन कराने के लिए अब हम आपके लिए 
सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पण्डित अजय चक्रवर्ती की सुपुत्री और योग्य गायिका 
कौशिकी चक्रवर्ती के स्वर में दो खयाल रचनाएँ 'फेसबुक' के सौजन्य से प्रस्तुत कर रहे हैं। 
राग पूरिया कल्याण : खयाल – “ओ मन रसिया...” और “लाखों में एक...” : कौशिकी चक्रवर्ती 
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| महेश काले | 
राग पूरिया कल्याण : “मुरलीधर श्याम...” : शंकर महादेवन : फिल्म – कटयार कालजात घुसली 
राग पूरिया कल्याण : “मुरलीधर श्याम...” : महेश काले : अलबम – नाट्यभक्तिरंग 
संगीत पहेली 
 
‘स्वरगोष्ठी’
 के 456वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको वर्ष 1963 में प्रदर्शित एक 
फिल्म के गीत का अंश सुनवा रहे हैं। गीत के इस अंश को सुन कर आपको दो अंक 
अर्जित करने के लिए निम्नलिखित तीन में से कम से कम दो प्रश्नों के सही 
उत्तर देना आवश्यक हैं। यदि आपको तीन में से केवल एक अथवा तीनों प्रश्नों 
का उत्तर ज्ञात हो तो भी आप प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। 460वें अंक 
की पहेली तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे उन्हें वर्ष के प्रथम 
सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे वर्ष के प्राप्तांकों 
की गणना के बाद वर्ष के अन्त में महाविजेताओं की घोषणा की जाएगी और उन्हें 
सम्मानित भी किया जाएगा। 
1 - इस गीतांश को सुन कर बताइए कि इसमें किस राग का आधार है? 
2 – इस गीत में प्रयोग किये गए ताल को पहचानिए और उसका नाम बताइए। 
3 – इस गीत में किस गायक का स्वर है? 
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia9@gmail.com
 पर ही शनिवार 23 फरवरी, 2020 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। आपको यदि 
उपरोक्त तीन में से केवल एक प्रश्न का सही उत्तर ज्ञात हो तो भी आप पहेली 
प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। COMMENTS
 में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
 देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। फेसबुक पर पहेली का उत्तर स्वीकार
 नहीं किया जाएगा। विजेताओं के नाम हम उनके शहर/ग्राम, प्रदेश और देश के 
नाम के साथ “स्वरगोष्ठी” के अंक संख्या 458 में प्रकाशित करेंगे। इस अंक 
में प्रस्तुत गीत, संगीत या कलाकार के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने
 किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में 
स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia9@gmail.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं। 
पिछली पहेली के सही उत्तर और विजेता 
 
“स्वरगोष्ठी”
 के 454वें अंक में हमने आपसे 1959 में प्रदर्शित फिल्म “चाचा ज़िन्दाबाद” 
से एक राग आधारित गीत का अंश सुनवा कर आपसे तीन में से कम से कम दो सही 
उत्तरों की अपेक्षा की थी। पहेली के पहले प्रश्न का सही उत्तर है; राग – ललित, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है; ताल – तीनताल तथा तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है; स्वर – मन्ना डे और लता मंगेशकर। 
‘स्वरगोष्ठी’ की इस पहेली का सही उत्तर देने वाले हमारे विजेता हैं; चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी, खण्डवा, मध्यप्रदेश से रविचन्द्र जोशी, अहमदाबाद, गुजरात से मुकेश लाडिया और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी।
 उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को दो दो अंक मिलते हैं। ‘रेडियो प्लेबैक 
इण्डिया’ की ओर से आप सभी को हार्दिक बधाई। सभी प्रतिभागियों से अनुरोध है 
कि अपने पते के साथ कृपया अपना उत्तर ई मेल से ही भेजा करें। इस पहेली 
प्रतियोगिता में हमारे नए प्रतिभागी भी हिस्सा ले सकते हैं। यह आवश्यक नहीं
 है कि आपको पहेली के तीनों प्रश्नों के सही उत्तर ज्ञात हो। यदि आपको 
पहेली का कोई एक उत्तर भी ज्ञात हो तो भी आप इसमें भाग ले सकते हैं।    
अपनी बात 
मित्रों,
 ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी हमारी
 श्रृंखला “मारवा थाट के राग” की पाँचवीं कड़ी में आज आपने मारवा थाट के 
जन्य राग पूरिया कल्याण का परिचय प्राप्त किया। साथ ही इस राग के शास्त्रीय
 स्वरूप को समझने के लिए आपने सुविख्यात गायिका विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती के
 स्वर में इस राग के दो खयाल प्रस्तुत किये। राग पूरिया कल्याण के आधार पर 
रचे गए फिल्मी गीत के उदाहरण के लिए हमने आपके लिए मराठी फिल्म “कटयार 
कालजात घुसली” का एक गीत शंकर महादेवन के स्वर में प्रस्तुत किया। साथ ही 
सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पण्डित जितेन्द्र अभिषेकी का स्वरबद्ध किया, युवा गायक
 महेश काले के स्वर में मूल गीत भी सुना। फिल्म के संगीतकार शंकर एहसान लाय
 हैं। अगले अंक से हम एक नई श्रृंखला आरम्भ करेंगे। कुछ तकनीकी समस्या के 
कारण अपने फेसबुक के मित्र समूह पर “स्वरगोष्ठी” का लिंक साझा नहीं कर पा 
रहे हैं। सभी संगीत अनुरागियों से अनुरोध है कि हमारी वेबसाइट http://radioplaybackindia.com अथवा http://radioplaybackindia.blogspot.com
 पर क्लिक करके हमारे सभी साप्ताहिक स्तम्भों का अवलोकन करते रहें। 
“स्वरगोष्ठी” के वेब पेज के दाहिनी ओर निर्धारित स्थान पर अपना ई-मेल आईडी 
अंकित कर आप हमारे सभी पोस्ट को नियमित रूप से अपने ई-मेल पर प्राप्त कर 
सकते है। “स्वरगोष्ठी” की पिछली कड़ियों के बारे में हमें अनेक पाठकों की 
प्रतिक्रिया लगातार मिल रही है। हमें विश्वास है कि हमारे अन्य पाठक भी 
“स्वरगोष्ठी” के प्रत्येक अंक का अवलोकन करते रहेंगे और अपनी प्रतिक्रिया 
हमें भेजते रहेंगे। आज के इस अंक अथवा श्रृंखला के बारे में यदि आपको कुछ 
कहना हो तो हमें अवश्य लिखें। यदि आपका कोई सुझाव या अनुरोध हो तो हमें swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia9@gmail.com
 पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः सात बजे “स्वरगोष्ठी” के 
इसी मंच पर एक बार फिर संगीत के सभी अनुरागियों का स्वागत करेंगे। 
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र   
 राग पूरिया कल्याण : SWARGOSHTHI – 456 : RAG PURIYA KALYAN : 16 फरवरी, 2020



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