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ईमानदार प्रधान - दीपक बाबा की बकबक

'बोलती कहानियाँ' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में इब्ने इंशा की एक लघुकथा "अकबर के नवरत्न" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं दीपक बाबा का व्यंग्य "ईमानदार प्रधान", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

इस व्यंग्य का टेक्स्ट "दीपक बाबा की बकबक" ब्लॉग पर उपलब्ध है।

कहानी "अकबर के नवरत्न" का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा का टेक्स्ट बैरंग पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


जब दुनिया ही तमाशा बन जाए - तो बक बक करने में बुराई क्या है। ~ दीपक बाबा

हर शुक्रवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

बकरी चिल्लाये, "देखो, वह मेरे बच्चे की गर्दन को नोच रहा है|"
 (दीपक बाबा के व्यंग्य "ईमानदार प्रधान" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें।
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)

 यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#Fourth Story, Imandar Pradhan: Deepak Baba/Hindi Audio Book/2012/4. Voice: Anurag Sharma

Comments

Sajeev said…
कहीं ये व्यंग ....सिंह पर तो नहीं :)
समसामयिक व्यंग्य है।
Smart Indian said…
:) बात तो किसी "ईमानदार" प्रधान की ही लगती है।
Amit said…
हमारे पंत प्रधान पर बिलकुल फिट बैठता है.
बेहतरीन व्यंग जो चिंतन को बाध्य करता है !
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अनुराग शर्मा जी तो कहानी को स्वर देने में अत्यंत कुशल हैं .... उनकी किस्सागोई वाली शैली बहुत प्रभावित करती है !

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