ताजा सुर ताल TST (33)
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-
पिछले एपिसोड में तन्हा जी ने इस बार फुर्ती दिखाई, और दो सही जवाब देकर चार अंक बटोर लिए, पर सीमा जी ने भी २ अंक चुरा ही लिए अंतिम सवाल का सही जवाब देकर, तो दोस्तों मुकाबला अब सीधे सीधे सीमा जी और तन्हा जी के बीच है, दोनों को हमारी शुभकामनाएँ
सजीव - सुजॉय, एक और नए सप्ताह की शुरुआत हो रही है, और हम भी हाज़िर हैं इस नए सप्ताह के स्वागत के लिए तीन नए गीतों को लेकर।
सुजॉय - जी बिल्कुल हम हाज़िर हैं। और मेरे ख़याल से TST का मक़्सद यह है कि अपने श्रोताओं और पाठकों को बिल्कुल नई फ़िल्मों के संगीत से रु-ब-रु करवाएँ। क्योंकि क्या होता है कि आज हर फ़िल्म में नई नई आवाज़ें सुनाई देती हैं और लोगों को पता ही नहीं चलता कि कौन सा गीत किसने गाया है। इस शृंखला में गीत सुनवाने के साथ साथ फ़िल्म से संबंधित जो जानकारियाँ हम देते हैं, उससे शायद कुछ हद् तक लोगों की नए फ़िल्म संगीत के प्रति थोड़ी सी जागरुक्ता बढ़ रही होगी, ऐसा हम उम्मीद करते हैं।
सजीव - ठीक कहा तुमने, और सिर्फ़ आवाज़ें ही क्यों, बहुत सारे नए गीतकार भी इन दिनों क़दम रख रहे हैं फ़िल्म जगत में। कुल मिलाकर अगर नए ज़माने के साथ ताल से ताल मिलाकर चलना है तो TST की महफ़िल इस दृष्टि से लोगों का सहायक बन सकता है। तो अब बताओ कि आज कौन सा गीत सब से पहले तुम सुनवा रहे हो हमारे श्रोताओं को?
सुजॉय - आज पहला गीत है 'अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी' का। इस फ़िल्म के गानें इन दिनों बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं, और सुनने में आया है कि इस फ़िल्म से काफ़ी उम्मीदें लगाई जा रही है। 'वेक अप सिद' तो बहुत ज्यादा नहीं चली, लेकिन शायद इस बार रणबीर की क़िस्मत चमक जाए!
सजीव - प्रोमोज़ तो लुभावनीय लग रहे हैं, देखते हैं क्या होता है। ख़ैर, गीत कौन सा है यह भी तो बताओ!
सुजॉय - गीत है "तेरा होने लगा हूँ"। संगीतकार प्रीतम की ख़ासीयत है कि वो किसी भी गीत के लिए गायक गायिका के चुनाव को बहुत ज़्यादा अहमीयत देते हैं। किस गीत में किस गायक की आवाज़ अच्छी लगेगी, इस बात पर हमेशा उनकी नज़र रहती है। और तभी तो समय समय पर वो श्रोताओं को सर्प्राइज़ देते रहते हैं। जैसे कि इस गीत के लिए उन्होने चुने हैं दो ऐसी आवाज़ें जो पहली बार साथ में कोई गीत गा रहे हैं। एक तरफ़ पॉप diva अलिशा चिनॉय और दूसरी तरफ़ जवाँ दिलों की धड़कन आतिफ़ अस्लम।
सजीव - अलिशा चिनॉय का अंदाज़ हमेशा से ही सेन्सुयल रहा है, उस पर आतिफ़ के आवाज़ में वो जुनूनी अंदाज़, कुल मिलाकर एक बहुत ही अच्छा कॊम्बिनेशन और एक सुरीला कॊम्पोज़िशन है यह गीत। चलो सुनते हैं। और हाँ, इस गीत को लिखा है इर्शाद कामिल ने। एक बात और सुजॉय इन दिनों हिंदी फ़िल्मी गीतों में पूरे पूरे अंग्रेजी प्रोस् का जम कर इस्तेमाल हो रहा है, इन अंग्रेजी शब्दों को कौन लिखता है, इसका कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता....खैर प्रस्तुत गीत भी इसी नए चलन का एक उदाहरण है
तेरा होने लगा हूँ (अजब प्रेम की गजब कहानी)
आवाज़ रेटिंग - ***1/2
TST ट्रिविया # 19- किस अभिनेत्री के लिए अलीशा ने पार्श्वगायन किया है जिसमें उस अभिनेत्री के "घरेलु" (pet) नाम पर ही गीत रचा गया है ?
सजीव - आओ अब बढ़ते हैं आज के दूसरे गीत की ओर। पिछले अंक में हमने फ़िल्म 'क़ुर्बान' का चार्ट बस्टर्स पर सब से उपर चल रहे गीत "शुक्रान अल्लाह" को सुना था। इसी फ़िल्म से एक और गीत आज सुनवा रहे हैं। यह गीत है कुछ सूफी अंदाज़ का जिसका नाम है "अली मौला".
सुजॉय - सजीव, "शुक्रान अल्लाह" तो लोगों को पसंद आ रहा है, अली मौला गीत भी इस अल्बम का एक ख़ास आकर्षण है. वास्तव में यह एक प्रार्थना है, सलीम की आवाज़ में इस गीत में गजब का सम्मोहन है.
सजीव - हालांकि शब्द काफी गूढ़ है और आम फिल्म संगीतप्रेमियों को कुछ शब्दों को समझने में मशक्कत करनी पड़ सकती है पर गीत का थीम और संयोजन कुछ ऐसा गजब का है कि सुनकर मन उस परवरदिगार के जलवों में कहीं खो सा जाता है, ऑंखें बंद कर इसे सुनिए बेहद सकूं मिलेगा ये दावा है हमारा.
सुजॉय- अली मौला का मन्त्र और उस पर सलीम की आवाज़ में "ओ मौला" कहना बहुत सुहाता है. कुर्बान के ये दो गीत निश्चित रूप से फिल्म के प्रति उम्मीदें कायम रखता है, यदि सफल हुई तो ये सैफ की दूसरी हिट होगी इस साल की, लव आज कल के बाद.
सजीव- यह बात भी सही है आपकी। चलिए सुनते है 'क़ुर्बान' का ये सूफी गीत, और इस फ़िल्म के निर्माता के लिए यही दुआ करें कि इस फ़िल्म के चलते उन्हे किसी भी तरह की क़ुर्बानियाँ न देनी पड़े :-)
अली मौला (कुर्बान)
आवाज़ रेटिंग - ****
TST ट्रिविया # 20- किस राम गोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म के पार्श्वसंगीत के लिए सलीम सुलेमान को एक प्रतिष्टित पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
सुजॉय - सजीव, आपको हिमेश रेशम्मिया की नई फ़िल्म 'रेडियो' के गानें कैसे लगे?
सजीव - अच्छे हैं। कम से कम पिछले दो एक सालों से वो जिस तरह वो लगभग एक ही तरह का संगीत देते चले आ रहे थे, उससे कुछ अलग हट के उन्होने काम किया है इस फ़िल्म में। अपने लुक्स और आवाज़ भी बदल डाली है। उनका यह चेंज-ओवर तो भई मुझे अच्छा लगा है।
सुजॉय - और मुझे भी। चलिए 'रेडियो' फ़िल्म का एक और गीत आज सुना जाए। इस फ़िल्म के गानें बहुत ही अलग तरह के हैं, जिन्हे ज़्यादातर हिमेश और कैलाश खेर ने गाए हैं। इस पूरे ऐल्बम की ख़ासीयत यही है कि हर गीत अलग अंदाज़ का है, लेकिन सारे गानें आपस में जुड़े से लगते हैं और ऐल्बम जैसे कम्प्लीट लगता है।
सजीव - ठीक ही कहा है तुमने। फ़िल्म में कुल १२ गानें हैं, और आज हम चलो इस ऐल्बम का अंतिम गीत सुनते हैं "रफ़ा दफ़ा किया नहीं जाए", जिसे हिमेश ने ही गाया है।
सुजॉय - यह गीत शुरु होता है एक धीमे संगीत से, लेकिन गीत के बोल भी उतने ही असरदार हैं।
सजीव - हम आज शुरु में ही नई आवज़ों और नए गीतकारों की बात कर रहे थे न, तो इस फ़िल्म में नए गीतकार सुब्रत सिन्हा ने सभी गानें लिखे हैं। उन्हे हम 'आवाज़' की तरफ़ से शुभकामनाएँ देते हैं, और सुनते हैं 'रेडियो - लव ऑन एयर' का यह गीत। बिलकुल जैसा इस गीत में खुद हिमेश ने कहा है कि, रफा दफा किया नहीं जाए, संगीत समीक्षक भी हिमेश को यूहीं रफा दफा करने की हिम्मत नहीं कर सकते
रफा दफा किया नहीं जाए (रेडियो)
आवाज़ रेटिंग -***1/2
TST ट्रिविया # 21-सुब्रत सिन्हा के लिखे गीत "छोटे छोटे पैरों तले" के संगीतकार कौन हैं?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-
पिछले एपिसोड में तन्हा जी ने इस बार फुर्ती दिखाई, और दो सही जवाब देकर चार अंक बटोर लिए, पर सीमा जी ने भी २ अंक चुरा ही लिए अंतिम सवाल का सही जवाब देकर, तो दोस्तों मुकाबला अब सीधे सीधे सीमा जी और तन्हा जी के बीच है, दोनों को हमारी शुभकामनाएँ
सजीव - सुजॉय, एक और नए सप्ताह की शुरुआत हो रही है, और हम भी हाज़िर हैं इस नए सप्ताह के स्वागत के लिए तीन नए गीतों को लेकर।
सुजॉय - जी बिल्कुल हम हाज़िर हैं। और मेरे ख़याल से TST का मक़्सद यह है कि अपने श्रोताओं और पाठकों को बिल्कुल नई फ़िल्मों के संगीत से रु-ब-रु करवाएँ। क्योंकि क्या होता है कि आज हर फ़िल्म में नई नई आवाज़ें सुनाई देती हैं और लोगों को पता ही नहीं चलता कि कौन सा गीत किसने गाया है। इस शृंखला में गीत सुनवाने के साथ साथ फ़िल्म से संबंधित जो जानकारियाँ हम देते हैं, उससे शायद कुछ हद् तक लोगों की नए फ़िल्म संगीत के प्रति थोड़ी सी जागरुक्ता बढ़ रही होगी, ऐसा हम उम्मीद करते हैं।
सजीव - ठीक कहा तुमने, और सिर्फ़ आवाज़ें ही क्यों, बहुत सारे नए गीतकार भी इन दिनों क़दम रख रहे हैं फ़िल्म जगत में। कुल मिलाकर अगर नए ज़माने के साथ ताल से ताल मिलाकर चलना है तो TST की महफ़िल इस दृष्टि से लोगों का सहायक बन सकता है। तो अब बताओ कि आज कौन सा गीत सब से पहले तुम सुनवा रहे हो हमारे श्रोताओं को?
सुजॉय - आज पहला गीत है 'अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी' का। इस फ़िल्म के गानें इन दिनों बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं, और सुनने में आया है कि इस फ़िल्म से काफ़ी उम्मीदें लगाई जा रही है। 'वेक अप सिद' तो बहुत ज्यादा नहीं चली, लेकिन शायद इस बार रणबीर की क़िस्मत चमक जाए!
सजीव - प्रोमोज़ तो लुभावनीय लग रहे हैं, देखते हैं क्या होता है। ख़ैर, गीत कौन सा है यह भी तो बताओ!
सुजॉय - गीत है "तेरा होने लगा हूँ"। संगीतकार प्रीतम की ख़ासीयत है कि वो किसी भी गीत के लिए गायक गायिका के चुनाव को बहुत ज़्यादा अहमीयत देते हैं। किस गीत में किस गायक की आवाज़ अच्छी लगेगी, इस बात पर हमेशा उनकी नज़र रहती है। और तभी तो समय समय पर वो श्रोताओं को सर्प्राइज़ देते रहते हैं। जैसे कि इस गीत के लिए उन्होने चुने हैं दो ऐसी आवाज़ें जो पहली बार साथ में कोई गीत गा रहे हैं। एक तरफ़ पॉप diva अलिशा चिनॉय और दूसरी तरफ़ जवाँ दिलों की धड़कन आतिफ़ अस्लम।
सजीव - अलिशा चिनॉय का अंदाज़ हमेशा से ही सेन्सुयल रहा है, उस पर आतिफ़ के आवाज़ में वो जुनूनी अंदाज़, कुल मिलाकर एक बहुत ही अच्छा कॊम्बिनेशन और एक सुरीला कॊम्पोज़िशन है यह गीत। चलो सुनते हैं। और हाँ, इस गीत को लिखा है इर्शाद कामिल ने। एक बात और सुजॉय इन दिनों हिंदी फ़िल्मी गीतों में पूरे पूरे अंग्रेजी प्रोस् का जम कर इस्तेमाल हो रहा है, इन अंग्रेजी शब्दों को कौन लिखता है, इसका कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता....खैर प्रस्तुत गीत भी इसी नए चलन का एक उदाहरण है
तेरा होने लगा हूँ (अजब प्रेम की गजब कहानी)
आवाज़ रेटिंग - ***1/2
TST ट्रिविया # 19- किस अभिनेत्री के लिए अलीशा ने पार्श्वगायन किया है जिसमें उस अभिनेत्री के "घरेलु" (pet) नाम पर ही गीत रचा गया है ?
सजीव - आओ अब बढ़ते हैं आज के दूसरे गीत की ओर। पिछले अंक में हमने फ़िल्म 'क़ुर्बान' का चार्ट बस्टर्स पर सब से उपर चल रहे गीत "शुक्रान अल्लाह" को सुना था। इसी फ़िल्म से एक और गीत आज सुनवा रहे हैं। यह गीत है कुछ सूफी अंदाज़ का जिसका नाम है "अली मौला".
सुजॉय - सजीव, "शुक्रान अल्लाह" तो लोगों को पसंद आ रहा है, अली मौला गीत भी इस अल्बम का एक ख़ास आकर्षण है. वास्तव में यह एक प्रार्थना है, सलीम की आवाज़ में इस गीत में गजब का सम्मोहन है.
सजीव - हालांकि शब्द काफी गूढ़ है और आम फिल्म संगीतप्रेमियों को कुछ शब्दों को समझने में मशक्कत करनी पड़ सकती है पर गीत का थीम और संयोजन कुछ ऐसा गजब का है कि सुनकर मन उस परवरदिगार के जलवों में कहीं खो सा जाता है, ऑंखें बंद कर इसे सुनिए बेहद सकूं मिलेगा ये दावा है हमारा.
सुजॉय- अली मौला का मन्त्र और उस पर सलीम की आवाज़ में "ओ मौला" कहना बहुत सुहाता है. कुर्बान के ये दो गीत निश्चित रूप से फिल्म के प्रति उम्मीदें कायम रखता है, यदि सफल हुई तो ये सैफ की दूसरी हिट होगी इस साल की, लव आज कल के बाद.
सजीव- यह बात भी सही है आपकी। चलिए सुनते है 'क़ुर्बान' का ये सूफी गीत, और इस फ़िल्म के निर्माता के लिए यही दुआ करें कि इस फ़िल्म के चलते उन्हे किसी भी तरह की क़ुर्बानियाँ न देनी पड़े :-)
अली मौला (कुर्बान)
आवाज़ रेटिंग - ****
TST ट्रिविया # 20- किस राम गोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म के पार्श्वसंगीत के लिए सलीम सुलेमान को एक प्रतिष्टित पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
सुजॉय - सजीव, आपको हिमेश रेशम्मिया की नई फ़िल्म 'रेडियो' के गानें कैसे लगे?
सजीव - अच्छे हैं। कम से कम पिछले दो एक सालों से वो जिस तरह वो लगभग एक ही तरह का संगीत देते चले आ रहे थे, उससे कुछ अलग हट के उन्होने काम किया है इस फ़िल्म में। अपने लुक्स और आवाज़ भी बदल डाली है। उनका यह चेंज-ओवर तो भई मुझे अच्छा लगा है।
सुजॉय - और मुझे भी। चलिए 'रेडियो' फ़िल्म का एक और गीत आज सुना जाए। इस फ़िल्म के गानें बहुत ही अलग तरह के हैं, जिन्हे ज़्यादातर हिमेश और कैलाश खेर ने गाए हैं। इस पूरे ऐल्बम की ख़ासीयत यही है कि हर गीत अलग अंदाज़ का है, लेकिन सारे गानें आपस में जुड़े से लगते हैं और ऐल्बम जैसे कम्प्लीट लगता है।
सजीव - ठीक ही कहा है तुमने। फ़िल्म में कुल १२ गानें हैं, और आज हम चलो इस ऐल्बम का अंतिम गीत सुनते हैं "रफ़ा दफ़ा किया नहीं जाए", जिसे हिमेश ने ही गाया है।
सुजॉय - यह गीत शुरु होता है एक धीमे संगीत से, लेकिन गीत के बोल भी उतने ही असरदार हैं।
सजीव - हम आज शुरु में ही नई आवज़ों और नए गीतकारों की बात कर रहे थे न, तो इस फ़िल्म में नए गीतकार सुब्रत सिन्हा ने सभी गानें लिखे हैं। उन्हे हम 'आवाज़' की तरफ़ से शुभकामनाएँ देते हैं, और सुनते हैं 'रेडियो - लव ऑन एयर' का यह गीत। बिलकुल जैसा इस गीत में खुद हिमेश ने कहा है कि, रफा दफा किया नहीं जाए, संगीत समीक्षक भी हिमेश को यूहीं रफा दफा करने की हिम्मत नहीं कर सकते
रफा दफा किया नहीं जाए (रेडियो)
आवाज़ रेटिंग -***1/2
TST ट्रिविया # 21-सुब्रत सिन्हा के लिखे गीत "छोटे छोटे पैरों तले" के संगीतकार कौन हैं?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
Comments
regards
regards
regards
2) Bhoot
3) Tabun Sutradhar
आजकल आर डी ’बिग बॊस” में व्यस्त है । ५ नवम्बर को हमारे भतीजे की शादी बीकानेर में है उसमें भी वो नहीं आ पा रहा है । आप कुछ प्रश्न बना कर मुझे भेज दें मैं उनके जवाब उससे समय निकाल कर ले लूंगा ।
ye to humaare liye bahut hi achhi khabar hai.Bade bade jagahon par jab koi apna pahuchta hai to jaankar badi khushi milti hai.
aapko aur aapke bhai saaheb ko meri taraf se bahut bahut badhaiyaan.
-Vishwa Deepak