क्या बस प्यार काफी है जीने के लिए, और जो धरम कर्म जात पात अमीर गरीब की दीवारें समाज ने उठाई हुई हैं अपने चारों तरफ उनका क्या, निर्देशिका रोहेना गेरा ने अपनी इस फिल्म में कुछ ऐसे ही सवाल उठाए हैं, तिलोतिमा क्षोम और विवेक गोमबेर के अभिनय से सजी ये फिल्म क्या अपने कथ्य को सही अंजाम तक पहुँचने में सफल रही है नहीं, समीक्षा की है गति उपाध्याय ने और आवाज है अतुल सक्सेना की
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