स्वरगोष्ठी – 327 में आज 
पावस ऋतु के राग – 2 : तानसेन की अमर कृति – मियाँ मल्हार 
“बिजुरी चमके बरसे मेहरवा...” 
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| उस्ताद राशिद खाँ | 
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| सुरेश वाडकर | 
राग मियाँ की मल्हार : “बादल घुमड़ बढ़ आए...” : सुरेश वाडकर : फिल्म – साज 
राग मियाँ की मल्हार : ‘बिजुरी चमके बरसे मेहरवा...’ : उस्ताद राशिद खाँ 
संगीत पहेली 
 
‘स्वरगोष्ठी’
 के 327वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको लगभग साढ़े छः दशक पूर्व 
प्रदर्शित प्राचीन फिल्म से लिये गए एक राग आधारित गीत का एक अंश सुनवा रहे
 हैं। गीत के इस अंश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो 
प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 330वें अंक की पहेली के 
सम्पन्न होने के बाद जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष 
के तीसरे सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा। 
1 – गीत के इस अंश को सुन कर आपको किस राग का अनुभव हो रहा है? 
2 – गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए। 
3 – इस गीत में किस पार्श्वगायिका की आवाज़ है? 
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 29 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। COMMENTS
 में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
 देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर, 
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 329वें अंक में 
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के 
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना 
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे 
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।   
पिछली पहेली के विजेता 
 
‘स्वरगोष्ठी’
 की 325वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको 1942 में प्रदर्शित फिल्म ‘तानसेन’ 
से एक राग आधारित गीत का एक अंश प्रस्तुत कर आपसे तीन में से दो प्रश्नों 
का उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग – मेघ मल्हार, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – तीनताल / तिलवाड़ा और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, तालवाद्य – पखावज। 
इस अंक की पहेली में सही उत्तर देने वाले प्रतिभागी हैं - चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी।
 आशा है कि अन्य पाठक भी नियमित रूप से ‘स्वरगोष्ठी’ देखते रहेंगे और पहेली
 में भाग लेते रहेंगे। उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक 
इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई। 
अपनी बात 
मित्रों,
 ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर हमारी नई 
श्रृंखला “पावस ऋतु के राग” जारी है। इस श्रृंखला ऋतु प्रधान गीतो को 
प्रस्तुत किया जा रहा है। आज की इस कड़ी में हमने आपके लिए राग मियाँ मल्हार
 पर चर्चा की। हमारे पिछले अंक पर Anuya Ahire ने टिप्पणी की है –“सादर
 प्रणाम। नई श्रृंखला का और साथ ही नये प्रयोग का हार्दिक स्वागत है। 
श्रृंखला की लोकप्रियता बढती जाये, ये शुभकामना है। इस प्रयास से परिपूर्ण 
 जानकारी मिलती  है”।     
आगामी
 अंक में हम मल्हार अंग के एक और राग पर चर्चा करेंगे और इस राग में निबद्ध
 कुछ रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। हमारी जारी श्रृंखला और आगामी श्रृंखलाओं के 
विषय, राग, रचना और कलाकार के बारे में यदि आपकी कोई फरमाइश हो तो हमें swargoshthi@gmail.com पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे। 
वाचक स्वर : संज्ञा टण्डन   
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
 आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र


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