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'सिने पहेली' में जारी है घमासान, प्रतियोगिता में आया एक रोचक मोड़


सिने-पहेली # 37
(15 सितम्बर, 2012)

 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। चौथे सेगमेण्ट के अंतिम चार कड़ियों में हम आ पहुँचे हैं। जैसा कि हमने पहले कहा था कि हर सेगमेण्ट की पहली पाँच कड़ियाँ आसान होंगी, और बाद की पाँच कड़ियाँ होंगी थोड़ी मुश्किल, पिछले सप्ताह की पहेली से आपको इस बात का अंदाज़ा लग गया होगा। पिछले सप्ताह अन्य सप्ताहों के मुकाबले हमें कम प्रतियोगियों ने जवाब भेजे हैं जिससे हमें निराशा हुई है। भले आपको सारे जवाब न आते हों, पर कम से कम जितने आते थे, उतने तो लिख भेज ही सकते थे न? यह ज़रूरी नहीं कि हर प्रतियोगी विजेता बने, यह संभव भी नहीं, पर जो बात विजेता बनने से ज़्यादा ज़रूरी है, वह है प्रतियोगिता में बने रहना, प्रतियोगिता में भाग लेना, एक खिलाड़ी की तरह मैदान में अंत तक डटे रहना। हम अपने सभी प्रतियोगियों से निवेदन करते हैं कि अगर सारे जवाब मालूम भी न हों तो कम से कम कोशिश तो करें, जितने जवाब आते हों, उन्हें तो कम से कम लिख भेजें। याद रहे महाविजेता बनने की लड़ाई अभी बहुत बाक़ी है और इस प्रतियोगिता के नियम कुछ ऐसे बनाए गए हैं कि अंतिम मुकाबले तक यह कह पाना नामुमकिन होगा कि महाविजेता कौन बनेगा/ बनेगी। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए नियमों पर नज़र डालें...

कैसे बना जाए 'सिने पहेली' का महाविजेता?

1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100 एपिसोड्स। इन 100 एपिसोड्स को 10 सेगमेण्ट्स में बाँटा गया है। अर्थात्, हर सेगमेण्ट में होंगे 10 एपिसोड्स।

2. प्रत्येक सेगमेण्ट में प्रत्येक खिलाड़ी के 10 एपिसोड्स के अंक जुड़े जायेंगे, और सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन खिलाड़ियों को सेगमेण्ट विजेताओं के रूप में चुन लिया जाएगा।

3. इन तीन विजेताओं के नाम दर्ज हो जायेंगे 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में। प्रथम स्थान पाने वाले को 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में 3 अंक, द्वितीय स्थान पाने वाले को 2 अंक, और तृतीय स्थान पाने वाले को 1 अंक दिया जायेगा। तीसरे सेगमेण्ट की समाप्ति पर अब तक का 'महाविजेता स्कोरकार्ड' यह रहा...




4. 10 सेगमेण्ट पूरे होने पर 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में दर्ज खिलाड़ियों में सर्वोच्च पाँच खिलाड़ियों में होगा एक ही एपिसोड का एक महा-मुकाबला, यानी 'सिने पहेली' का फ़ाइनल मैच। इसमें पूछे जायेंगे कुछ बेहद मुश्किल सवाल, और इसी फ़ाइनल मैच के आधार पर घोषित होगा 'सिने पहेली महाविजेता' का नाम। महाविजेता को पुरस्कार स्वरूप नकद 5000 रुपये दिए जायेंगे, तथा द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को दिए जायेंगे सांत्वना पुरस्कार।

और अब आज की पहेली...

आज की पहेली : चित्रों का मेल - गीतों का खेल 

नीचे दो कॉलमों में पाँच-पाँच तस्वीरें दिखाई गई हैं। आपको दोनों कॉलमों से कोई भी एक-एक तस्वीर चुन कर एक फ़िल्मी गीत ऐसा सुझाना होगा जिसमें इन दोनों वस्तुओं का "शाब्दिक" उल्लेख हुआ हो। अर्थात, इन पाँच-पाँच तस्वीरों से कुल पाँच कम्बिनेशन बनेंगी, और हर कम्बिनेशन के लिए आपको एक गीत सुझाना है। इस तरह से कुल पाँच गीत आपको बताने हैं। पर याद रहे किसी एक तस्वीर का प्रयोग आप एक ही बार कर सकते हैं। यानी ये पाँच कम्बिनेशन यूनिक होने चाहिए। हर सही जवाब के लिए 2 अंक दिए जायेंगे और आज की कड़ी के कुल अंक हैं 10।




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और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....

1. उपर पूछे गए सवालों के जवाब एक ही ई-मेल में टाइप करके cine.paheli@yahoo.com के पते पर भेजें। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।

2. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 37" अवश्य लिखें, और अंत में अपना नाम व स्थान अवश्य लिखें।

3. आपका ईमेल हमें बृहस्पतिवार 20 सितंबर शाम 5 बजे तक अवश्य मिल जाने चाहिए। इसके बाद प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

4. सभी प्रतियोगियों ने निवेदन है कि सूत्र या हिंट के लिए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के किसी भी संचालक या 'सिने पहेली' के किसी भी प्रतियोगी से फ़ोन पर या ईमेल के ज़रिए सम्पर्क न करे। हिंट माँगना और हिंट देना, दोनों इस प्रतियोगिता के खिलाफ़ हैं। अगर आपको हिंट चाहिए तो अपने दोस्तों, सहयोगियों या परिवार के सदस्यों से मदद ले सकते हैं जो 'सिने पहेली' के प्रतियोगी न हों।

पिछली पहेली के सही जवाब


१)   रे मन सुर में गा  --  लाल पत्थर

२)   ज़िन्दगी में प्यार करना सीख ले  --  फूल और पत्थर

३)   सूनी सूनी साँस के सितार पर  --  लाल पत्थर

४)   शोख़ नज़र की बिजलियाँ  --  वो कौन थी

५)   मन आनंद आनंद छायो  --  विजेता

६)   यही है वो सांझ और सवेरा  --  साँझ और सवेरा

७)   जाइये आप कहाँ जायेंगे  --  मेरे सनम

८)   ना जइयो रे सौतन घर सैंया  --  कागज़ की नाव

९)   आओ झूमें गायें, मिलके धूम मचायें  --  पराया धन

१०)  मोरे अंग लग जा बालमा  --  मेरा नाम जोकर

पिछली पहेली के परिणाम


'सिने पहेली - 36' के परिणाम इस प्रकार हैं...

1. शुभ्रा शर्मा, नई दिल्ली --- 10 अंक

2. सलमन ख़ान, दुबई --- 10 अंक

3. क्षिति तिवारी, जबलपुर --- 10 अंक

4. विजय कुमार व्यास, बीकानेर --- 10 अंक

5. महेन्द्र कुमार रंगा, बीकानेर --- 10 अंक

6. गौतम केवलिया, बीकानेर --- 10 अंक

7. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 9 अंक

8. अल्पना वर्मा, अल-आइन, यू.ए.ई --- 8 अंक

9. शुभदीप चौधरी, मॉस्को --- 4 अंक

10. रीतेश खरे, मुंबई --- 3 अंक

11. चन्द्रकान्त दीक्षित, लखनऊ --- 2 अंक

और यह रहा चौथे सेगमेण्ट का सम्मिलित स्कोर-कार्ड...



'सिने पहेली' को और भी ज़्यादा मज़ेदार बनाने के लिए अगर आपके पास भी कोई सुझाव है तो 'सिने पहेली' के ईमेल आइडी पर अवश्य लिखें। आप सब भाग लेते रहिए, इस प्रतियोगिता का आनन्द लेते रहिए, क्योंकि महाविजेता बनने की लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी 100% सम्भावना है महाविजेता बनने का। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, आशा जी जनमदिन की ढेरों शुभकामनाओं के साथ आपसे विदा ले रहे हैं, नमस्कार!

Comments

Alpana Verma said…
पहेली ३७ के बारे में कृपया एक शंका का निवारण करें...
--------
आप ने लिखा है--'आपको दोनों कॉलमों से कोई भी एक-एक तस्वीर चुन कर एक फ़िल्मी गीत ऐसा सुझाना होगा जिसमें इन दोनों वस्तुओं का "शाब्दिक" उल्लेख हुआ हो।'
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क्या ये दो शब्द गीत में कहीं भी हो सकते हैं?
या इन दोनों शब्दों का मुखड़े में होना ज़रुरी है?

कृपया बताएं.
सादर,
अल्पना
Alpana Verma said…
लगता है ...मेरी टिप्पणी स्पैम में गई !!!!!!!!!!!!
gautam kewaliya said…
पहेली ३७ में पहले चित्र में कॉकरोच दिखाया गया है या खटमल? चित्रों के साथ नाम भी होता तो अधिक उचित था. यहाँ दिखये गए कुछ चित्रों में असमंजस की स्थिति बन रही है. डबलबेड दिखा कर उसका शाब्दिक अर्थ खाट कहना तो शायद उचित नहीं होगा..
Vijay Vyas said…
This comment has been removed by the author.
Vijay Vyas said…
1. पहेली हल करना बहुत मजेदार लग रहा है। अब तक जितने भी एपिसोड्स खेले उसमें यदि कम्‍पेरीजन करूं तो यही कहूँगा कि पिछले सप्‍ताह की सिने-पहेली # 36 "आलापाशा" ने सर्वाधिक मेहनत करवाई। उत्‍तर ढूंढने में बहुत घूमना पडा, मशक्‍कत करनी पडी, फिर भी आनन्‍द आया।
2. अल्‍पना जी और गौतम जी ने जो प्रश्‍न किये हैं, ठीक वही प्रश्‍न मेरे भी है परन्‍तु अभी तक जवाब/स्‍पष्‍टीकरण नहीं आया। मुझे लग रहा है कि इस बार दोनों छुटियों के दिन वैसे ही निकल जाऐगें। यदि स्थिति स्‍पष्‍ट हो जाती, तो अब तक कुछ जवाब ढूंढ लिए जाते।
सुजॉय जी से आग्रह है कि पहेली पोस्‍ट करने के उपरान्‍त कम से कम दिन में एक बार अपनी पोस्‍ट की टिप्‍पणियॉं जरूर देख लिया करें।
आभार।
Sujoy Chatterjee said…
Gautam ji, Vijay ji,

agar chitra mein dikhaye gaye vastu ko likhna hi pad jaaye to chitra dene ki kya zaroorat hoti.

kyunki do sahi jawaab aa chuke hain, isliye main koi tippani nahin karunga. aapko jaisa samajh aaye jawaab bhej deejiye.

paheli mein sabkuch saaf-saaf likh diya jaaye to phir bhala paheli kaisa :-)

Regards
Sujoy

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