स्वरगोष्ठी – 372 में आज     राग से रोगोपचार – 1 : सुबह का राग भैरव     उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, चक्कर, ज्वर आदि रोगों के निदान में राग भैरव के स्वर उपयोगी               उस्ताद सइदुद्दीन डागर     पं. श्रीकुमार मिश्र   ‘रेडियो  प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ  हो रही हमारी नई श्रृंखला “राग से रोगोपचार” की पहली कड़ी में मैं  कृष्णमोहन मिश्र, इस श्रृंखला के लेखक, संगीतज्ञ और इसराज व मयूर वीणा के  यशस्वी वादक पण्डित श्रीकुमार मिश्र के साथ आप सब संगीत-प्रेमियों का  हार्दिक स्वागत करता हूँ। मानव का शरीर प्रकृत की अनुपम देन है। बाहरी  वातावरण के प्रतिकूल प्रभाव से मानव के तन और मन में प्रायः कुछ विकृतियाँ  उत्पन्न हो जाती हैं। इन विकृतियों को दूर करने के लिए हम विभिन्न चिकित्सा  पद्धतियों की शरण में जाते हैं। पूरे विश्व में रोगोपचार की अनेक  पद्धतियाँ प्रचलित है। भारत में हजारों वर्षों से योग से रोगोपचार की  परम्परा जारी है। प्राणायाम का तो पूरा आधार ही श्वसन क्रिया पर केन्द्रित  होता है। संगीत में स्वरोच्चार भी श्वसन क्रिया पर केन्द्रित होता है।  ...