स्वरगोष्ठी – 129 में आज   भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति – 9    राग मियाँ मल्हार पर आधारित एक अनूठा गीत-    ‘नाच मेरे मोर जरा नाच...’       इन दिनों ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक मंच ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी  है, लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति’। इस श्रृंखला की  नौवीं कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों की इस  संगोष्ठी में उपस्थित हूँ और आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के  अन्तर्गत हम आपको राग-आधारित कुछ ऐसे फिल्मी गीत सुनवा रहे हैं, जो छः दशक  से भी पूर्व के हैं। रागों के आधार के कारण ये गीत आज भी सदाबहार गीत के  रूप में हमारे बीच प्रतिष्ठित हैं। परन्तु इनके संगीतकार हमारी स्मृतियों  में धूमिल हो गए हैं। इस श्रृंखला को प्रस्तुत करने का हमारा उद्देश्य यही  है कि इन कालजयी, राग आधारित गीतों के माध्यम से हम उन भूले-बिसरे  संगीतकारों को स्मरण करें। आज के अंक में हम आपके लिए वर्षाकालीन राग मियाँ  की मल्हार पर आधारित लगभग लुप्तप्राय एक फिल्मी गीत, इस गीत के विस्मृत  संगीतकार शान्ति कुमार देसाई का परिचय और राग मियाँ की...