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भैरव थाट के राग : SWARGOSHTHI – 217 : BHAIRAV THAAT

स्वरगोष्ठी – 217 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 4 : भैरव थाट राग भैरव और जोगिया के स्वरों में शिव की आराधना ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की चौथी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के रागों का वर्गीकरण करने में समर्थ मेल अथवा थाट व्यवस् था पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ किया था। वर्तमान समय में राग

‘कौन गली गयो श्याम...’ : SWARGOSHTHI – 185 : THUMARI KHAMAJ & PAHADI

स्वरगोष्ठी – 185 में आज फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 4 : ठुमरी खमाज और पहाड़ी डॉ. प्रभा अत्रे को जन्मदिवस पर शुभकामना देते हुए सुनिए श्रृंगार और भक्तिरस से अभिमंत्रित ठुमरी  ‘ रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी’ की चौथी कड़ी में कृष्णमोहन मिश्र और संज्ञा टण्डन की ओर से आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। यह पूर्व में प्रकाशित / प्रसारित श्रृंखला का परिमार्जित रूप है। ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के कुछ स्तम्भ केवल श्रव्य माध्यम से प्रस्तुत किये जाते हैं तो कुछ स्तम्भ आलेख और चित्र दृश्य के साथ गीत-संगीत श्रव्य माध्यम से तो कुछ स्तम्भ पूर्णतः केवल श्रव्य माध्यम से प्रस्तुत किये जाते हैं। इस श्रृंखला से हम एक नया प्रयोग कर रहे हैं। श्रृंखला के अंकों को हम प्रायोगिक रूप से दोनों माध्यमों में प्रस्तुत कर रहे हैं। ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की प्रमुख सहयोगी संज्ञा टण्डन की आवाज़ में पूरा आलेख और गीत-संगीत श्रव्य म