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सुनो कहानी: गरजपाल की चिट्ठी - अनुराग शर्मा

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हरिशंकर परसाई की कहानी "अशुद्ध बेवकूफ" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक कहानी "गरजपाल की चिट्ठी", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी "गरजपाल की चिट्ठी" का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 32 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

इस कथा का टेक्स्ट बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।




पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय। गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।।
~ अनुराग शर्मा

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

वासंती के नाम की चिट्ठी जाती तो रोज़ थी मगर किसी ने कभी वासंती की कोई चिट्ठी आते न देखी।
(अनुराग शर्मा की "गरजपाल की चिट्ठी" से एक अंश)


नीचे के प्लेयर से सुनें.
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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#Fifty Sixth Story, Garajpal Ki Chitthi: Anurag Sharma/Hindi Audio Book/2010/4. Voice: Anurag Sharma

Comments

ांअज तो याद ही नहीं रहा कि शनिवार है ब्लागवाणी पर देखा अभी अनुराग जी कहानी अनुराग जी के जवानी वाह सुन रही हूँ। धन्यवाद
कहानी बहुत अच्छी लगी अनुराग शर्मा जी को बधाई उस मे जो कविता है वो लाजवाब है
indu puri said…
'garajpaal ki chitthi'
padhi bhi' suni bhi,
chitthi psnd aai
padhne wale ki aawaj bahut hi prabhaavshaali lgi .

dwtail baad me abhi jra..........
निर्मला जी,
मूल कविता "शीर सोणेया परदेस चले" पंजाबी में थी जो कि १९८८ में हमारे तत्कालीन प्रबंधक श्री होतूराम जी ने नोएडा में सुनाई थी. मैंने सिर्फ उसका शब्दशः हिन्दी अनुवाद करने का प्रयास किया है. उस सुन्दर कविता को इस कहानी में रखने का मोह छोड़ न सका.

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