Skip to main content

Posts

रेहाना की होली (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 6

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 6 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हीरेंद्र झा लिखित " रेहाना की होली ", निमिषा दीक्षित के स्वर में। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "देखते ही देखते अब होली का दिन भी आ ही गया।” (हीरेंद्र झा कृत "रेहाना की होली" से एक अंश) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " रेहाना की होली " का कुल प्रसारण समय 28 मिनट 27 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया boltikahaniyan.rpi@gmail.com पर सम्पर्क करें। Season 1; Podcast #6, Rehana Ki Holi: Hirendra Jha/2021/6. Voice: Nimi

स्वरगोष्ठी – 507: "सीमायें बुलायें तुझे, चल राही ..." : राग - देश/ देस :: SWARGOSHTHI – 507 : RAG - DES

            स्वरगोष्ठी – 507 में आज   देशभक्ति गीतों में शास्त्रीय राग – 11   "सीमायें बुलायें तुझे, चल राही...", राग देश में सिपाही के नाम संदेश सीमा से “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ "स्वरगोष्ठी" के मंच पर मैं सुजॉय चटर्जी,  साथी सलाहकर शिलाद चटर्जी के साथ, आप सब संगीत प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। उन्नीसवीं सदी में देशभक्ति गीतों के लिखने-गाने का रिवाज हमारे देश में काफ़ी ज़ोर पकड़ चुका था। पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा देश गीतों, कविताओं, लेखों के माध्यम से जनता में राष्ट्रीयता की भावना जगाने का काम करने लगा। जहाँ एक तरफ़ कवियों और शाइरों ने देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत रचनाएँ लिखे, वहीं उन कविताओं और गीतों को अर्थपूर्ण संगीत में ढाल कर हमारे संगीतकारों ने उन्हें और भी अधिक प्रभावशाली बनाया। ये देशभक्ति की धुनें ऐसी हैं कि जो कभी हमें जोश से भर देती हैं तो कभी इनके करुण स्वर हमारी आँखें नम कर जाते हैं। कभी ये हमारा सर गर्व से ऊँचा कर देते हैं तो कभी इन्हें सुनते हुए हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इन देशभक्ति की रचनाओं में बहुत सी रचनाएँ ऐसी हैं ज

बाइज्जत बरी (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 5

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 8 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं बालकवि बैरागी  की एक लघुकथा " बाइज्जत बरी ", अनुराग शर्मा के स्वर में। जब हिन्दी के सामने ही अस्तित्व का संकट है तो बोलियों की सुरक्षा के लिये तो हमें ही आगे आना होगा। ~ बालकवि बैरागी हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी एक तो तस्कर और पुलिस की मिली-भगत और दूसरी - खुद को चतुर-चालाक, सक्षम और कुशल साबित करने का उत्साह। ( बालकवि बैरागी की "बाइज्जत बरी" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " बाइज्जत बरी " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवा