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ऑडियो कथा: एक मज़दूर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (राजेंद्र देवधरे 'दर्पण')

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने राजिंदर सिंह बेदी की कथा " क्वारंटीन " का पाठ  अनुराग शर्मा के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं,  राजेंद्र देवधरे 'दर्पण' की कथा एक मज़दूर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट  जिसे स्वर दिया है देवेंद्र पाठक  ने। कहानी " एक मज़दूर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट " का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। उज्जैन के चर्चित साहित्यकार राजेंद्र देवधरे 'दर्पण' हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी वसा तो इसे छू भी नहीं पायी है। ( राजेंद्र देवधरे 'दर्पण' रचित "

ऑडियो: क्वारंटीन (राजिंदर सिंह बेदी)

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने दीपक शर्मा की कथा " ऊँट की पीठ " का पाठ  अनुराग शर्मा के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार, निर्माता, निर्देशक, संवाद व पटकथा लेखक राजिंदर सिंह बेदी की कथा क्वारंटीन जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी " क्वारंटीन " का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कहानी का गद्य सेतु पत्रिका पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। राजिंदर सिंह बेदी (1सितम्बर 1915 - 11 नवम्बर 1984); उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार, फ़िल्म निर्माता, निर्देशक, संवाद व पटकथा लेखक हर सप्त

राग सिन्दूरा : SWARGOSHTHI – 464 : RAG SINDURA

स्वरगोष्ठी – 464 में आज काफी थाट के राग – 8 : राग सिन्दूरा डॉ. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर से राग सिन्दूरा और मुकेश से अप्रदर्शित फिल्म का एक गीत सुनिए डॉ. रातनजनकर मुकेश “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला “काफी थाट के राग” की आठवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र अर्थात कुल बारह स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए इन बारह स्वरों में से कम से कम पाँच का होना आवश्यक होता है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के बारह में से मुख्य सात स्वरों के क्रमानुसार उस समुदाय को थाट कहते हैं, जिससे राग उत्पन्न होते हों। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु ना