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कुछ अधूरा सा (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 34

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानी के हर प्रकार की कहानियाँ। दिल कैसे धड़कता है जब छूटे हुए हाथ फिर से हमारी ओर उठते हैं, बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 34 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं दीपिका भाटिया की नाज़ुक सी लघुकथाा " कुछ अधूरा सा ", दीपिका भाटिया के स्वर में। * *** * हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी ( दीपिका भाटिया की "कुछ अधूरा सा" ) यूट्यूब पर देखिये गाना पर सुनिये जियो सावन एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम फेसबुक कहानी " कुछ अधूरा सा " का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 40 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया boltikahaniyan.

Zuber K Khan || Actor || Sajeev Sarathie || Kasam tere pyaar ki || Nyay the Justice

एक मुलाकात जरूरी है के  33  वें एपिसोड में आज मिलिए ऐक्टर जुबेर के खान से, जो मूल रूप से भोपाल से ताल्लुक रखते हैं, माड्लिंग से शुरुआत कर फिल्मों और धारावाहिकों में उनके निभाए किरदार दर्शकों में बेहद लोकप्रिय रहे, हाल ही में सुशांत सिंह पर बनी biopic में लीड रोल निभाया है, जबरदस्त प्रतिभा वाले इस अभिनेता से मिलिये आज की इस जरूरी मुलाकात में, होस्ट हैं आपका दोस्त आपका साथी, सजीव सारथी।  Technical Support Sangya Tandon  सुनिए  YouTube  पर  Spotify Amazon music   Google Podcasts Apple Podcasts Gaana JioSaavn हम से जुड़ सकते हैं - facebook  instagram  YouTube  To Join the Ek Mulkaat Zaroori Hai  team, please write to sajeevsarathie@gmail.com  Hope you like this initiative, give us your feedback on radioplaybackdotin@gmail.com  

काव्य तरंग - Episode 45 - अर्चना चावजी, आभासी रिश्ते...आभासी नहीं हैं...

                  काव्य तरंग  ‘’ब्लॉग जगत में आभासी रिश्तों के बारे में बहुत कुछ कहा गया ...मैने भी बनाए रिश्ते यहाँ...जो सहयोग मुझे मिला उसके लिए आभारी हूँ सभी की...मुझे लगता ही नहीं कि हम लोग मिले नहीं हैं..रिश्तों के बारे में बातें करते हुए…’’ ये शब्द हैं ब्लॉगर एवं सबसे पुराने पॉडकास्टर में से एक आदरणीय अर्चना चावजी के, जिन्होंने आभासी हों या वास्तविक, हर तरह से रिश्ते निभाने को सदैव प्राथमिकता दी है। आइये आज काव्य तरंग में सुनते हैं उनकी गीत रूपी कविता उन्हीं के स्वर में। उम्मीद है आप भी हमारे साथ इस कविता का आनंद लेंगे, हमें अपने विचार लिखना न भूलियेगा। आप सभी को बहुत धन्यवाद।   कविता एवं स्वर - अर्चना चावजी  संयोजन, संकलन - पूजा अनिल Contact us: kaavyatarang.rpi@gmail.com सुनिए  YouTube  पर  आप हमारे इस पॉडकास्ट को इन पॉडकास्ट साईटस पर भी सुन सकते हैं.   Spotify Amazon music   Google Podcasts Apple Podcasts Gaana JioSaavn हम से जुड़ सकते हैं - facebook  instagram  YouTube  Hope you like this initiative, give us your feedback on radioplaybackdotin@gmail.com