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बोलती कहानियाँ: डेट

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने समीर गोस्वामी के स्वर में मुंशी प्रेमचंद की कहानी नेउर सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव की एक अलग सी कहानी डेट जिसे स्वर दिया है सलिल वर्मा ने। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में गद्य और पद्य में लिखने वाले गिरिजेश राव की इस कहानी डेट से पहले भी उनकी कई कहानियाँ आप रेडियो प्लेबैक इंडिया पर पहले भी सुन चुके हैं, जिनके लिंक निम्न हैं: सुजान साँप एक सुख ऐसा भी दूसरा कमरा मुक्ति गुम्मी भूख राजू के नाम एक पत्र श्राप ढेला पत्ता गेट प्रस्तुत कथा का गद्य " एक आलसी का चिट्ठा " पर उपलब्ध है। " डेट " का कुल प्रसारण समय 17 मिनट, 6 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। काशी क

फिल्मी चक्र समीर गोस्वामी के साथ || एपिसोड 22 || राजेश खन्ना

Filmy Chakra With Sameer Goswami  Episode 22 Rajesh Khanna फ़िल्मी चक्र कार्यक्रम में आप सुनते हैं मशहूर फिल्म और संगीत से जुडी शख्सियतों के जीवन और फ़िल्मी सफ़र से जुडी दिलचस्प कहानियां समीर गोस्वामी के साथ, लीजिये आज इस कार्यक्रम के 22 वें एपिसोड में सुनिए कहानी सुपर स्टार राजेश खन्ना की...प्ले पर क्लिक करें और सुनें.... फिल्मी चक्र में सुनिए इन महान कलाकारों के सफ़र की कहानियां भी - किशोर कुमार शैलेन्द्र  संजीव कुमार  आनंद बक्षी सलिल चौधरी  नूतन  हृषिकेश मुखर्जी  मजरूह सुल्तानपुरी साधना  एस डी बर्मन राजेंद्र कुमार  शकील बदायुनी  जयकिशन गीता दत्त  चित्रगुप्त  आर डी बर्मन  मन्ना डे रविन्द्र जैन  राजेन्द्र कृष्ण  नौशाद  शशि कपूर 

वर्ष के महाविजेता : SWARGOSHTHI – 351 : MAHAVIJETA OF THE YEAR

स्वरगोष्ठी – 351 में आज सभी पाठकों और श्रोताओं को नववर्ष 2018 के पहले अंक में अभिनन्दन महाविजेताओं की प्रस्तुतियाँ – 1 चौथे महाविजेता डॉ. किरीट छाया और पाँचवीं महाविजेता विजया राजकोटिया की प्रस्तुतियाँ महाविजेता विजया राजकोटिया महाविजेता डॉ. किरीट छाया ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का नववर्ष के पहले अंक में हार्दिक अभिनन्दन है। इसी अंक से आपका प्रिय स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ आठवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विगत सात वर्षों से असंख्य पाठकों, श्रोताओं, संगीत शिक्षकों और वरिष्ठ संगीतज्ञों का प्यार, दुलार और मार्गदर्शन इस स्तम्भ को मिलता रहा है। इन्टरनेट पर शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक, सुगम और फिल्म संगीत विषयक चर्चा का सम्भवतः यह एकमात्र नियमित साप्ताहिक स्तम्भ है, जो विगत सात वर्षों से निरन्तरता बनाए हुए है। इस पुनीत अवसर पर मैं कृष्णमोहन मिश्र, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सम्पादक और संचालक मण्डल के सभी सदस्यों- सजीव सारथी, सुजॉय चटर्जी, अमित तिवारी, अनुराग शर्मा, विश्वदीपक, संज्ञा ट

फ़िल्मी चक्र समीर गोस्वामी के साथ || एपिसोड 21 || शशि कपूर

Filmy Chakra With Sameer Goswami  Episode 21 Shashi Kapoor फ़िल्मी चक्र कार्यक्रम में आप सुनते हैं मशहूर फिल्म और संगीत से जुडी शख्सियतों के जीवन और फ़िल्मी सफ़र से जुडी दिलचस्प कहानियां समीर गोस्वामी के साथ, लीजिये आज इस कार्यक्रम के 21 वें एपिसोड में सुनिए कहानी सजीले शशि कपूर की...प्ले पर क्लिक करें और सुनें.... फिल्मी चक्र में सुनिए इन महान कलाकारों के सफ़र की कहानियां भी - किशोर कुमार शैलेन्द्र  संजीव कुमार  आनंद बक्षी सलिल चौधरी  नूतन  हृषिकेश मुखर्जी  मजरूह सुल्तानपुरी साधना  एस डी बर्मन राजेंद्र कुमार  शकील बदायुनी  जयकिशन गीता दत्त  चित्रगुप्त  आर डी बर्मन  मन्ना डे रविन्द्र जैन  राजेन्द्र कृष्ण  नौशाद 

ठुमरी तिलंग : SWARGOSHTHI – 350 : THUMARI TILANG

स्वरगोष्ठी – 350 में आज फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व – 7 : समापन कड़ी में तिलंग की ठुमरी पाश्चात्य संगीत के भराव के साथ ठुमरी - "सजन संग काहे नेहा लगाए..." लता मंगेशकर ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” की इस सातवीं और समापन कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली श्रृंखला में हमने आपके लिए फिल्मों में पारम्परिक ठुमरी के साथ-साथ उसके फिल्मी प्रयोग को भी रेखांकित किया था। इस श्रृंखला में भी हमने आपसे केवल फिल्मी ठुमरियों पर ही चर्चा की है, किन्तु ये ठुमरियाँ पारम्परिक रही हों, यह आवश्यक नहीं हैं। इन ठुमरी गीतों को फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकारों ने लिखा है और संगीतकारों ने इन्हें विभिन्न रागों में बाँध कर ठुमरी गायकी के तत्वों से अभिसिंचित किया है। हमारी इस श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” के शीर्षक से ही यह अनुमान हो गया होगा कि इस श्रृंखला का विषय फिल्मों में शामिल किये गए ऐसे गीत हैं जिनमे राग

चित्रकथा - 51: 2017 में प्रयात कलाकारों का स्मरण

अंक - 51 2017 में प्रयात कलाकारों का स्मरण "बिछड़े सभी बारी बारी..."  वर्ष 2017 अब कुछ ही समय का महमान है। एक और बरस बीत गया, न जाने कितनी यादें जमा हुईं इस वर्ष, न जाने कितने नए लोग आए, न जाने कितने लोग हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। फ़िल्म जगत में इस वर्ष बहुत से गुणी कलाकार हमसे बिछड़ गए, जिनका जाना कला जगत का बहुत बड़ा नुकसान है। आइए आज के ’चित्रकथा’ में याद करें उन महान कलाकारों को जिनका 2017 में देहावसान हो गया।  "देखी ज़माने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी"। जन्म और मृत्यु प्रकृति और मनुष्य जीवन के ऐसे दो शाश्वत सत्य हैं जिन पर किसी का वश नहीं चलता। जिसने भी इस धरती पर जन्म लिया, उसी दिन यह तय हो गया कि उसे एक दिन यहाँ से जाना भी होगा। लेकिन कुछ लोग अपने जीवन काल में कुछ ऐसा कर जाते हैं कि शारीरिक रूप से वो इस धरती पर भले ना रहें, लेकिन अपनी कला और उपलब्धियों के ज़रिए हमेशा हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ नामचीन कलाकारों का स्मरण करते हैं जिनका इस वर्ष 2017 में निधन हो गया। 1. उस्ताद अब्दुल हलीम