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बोलती कहानियाँ: खेल (ऑडियो)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा " विश्वसनीय " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उषा छाबड़ा की बालकथा " खेल ", उन्हीं के स्वर में। इस बालकथा का टेक्स्ट उनके ब्लॉग अनोखी पाठशाला पर उपलब्ध है। इस बालकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 8 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। इंसानियत की मशाल सब मिलकर उठाएँ जश्न मानवता का एक जुट हों मनाएँ चलो सब एक हो नया गीत गुनगुनाएँ प्रेम के संदेश को जन जन में फैलाएँ ~ उषा छाबड़ा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "बड़ी हुई तो क्या हुआ। मैं तो उससे बात भी नहीं करूंगा।"

फिल्मी चक्र समीर गोस्वामी के साथ || एपिसोड 14 || गीता दत्त

Filmy Chakra With Sameer Goswami  Episode 14 Geeta Dutt फ़िल्मी चक्र कार्यक्रम में आप सुनते हैं मशहूर फिल्म और संगीत से जुडी शख्सियतों के जीवन और फ़िल्मी सफ़र से जुडी दिलचस्प कहानियां समीर गोस्वामी के साथ, लीजिये आज इस कार्यक्रम के चौदहवें एपिसोड में सुनिए कहानी गीता दत्त की...प्ले पर क्लिक करें और सुनें.... फिल्मी चक्र में सुनिए इन महान कलाकारों के सफ़र की कहानियां भी - किशोर कुमार शैलेन्द्र  संजीव कुमार  आनंद बक्षी सलिल चौधरी  नूतन  हृषिकेश मुखर्जी  मजरूह सुल्तानपुरी साधना  एस डी बर्मन राजेंद्र कुमार  शकील बदायुनी  जयकिशन  

ठुमरी भैरवी : SWARGOSHTHI – 343 : THUMARI BHAIRAVI

स्वरगोष्ठी – 343 में आज फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 10 : ठुमरी भैरवी नारी-कण्ठ पर सुशोभित ठुमरी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ विदुषी गिरिजा देवी ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी श्रृंखला “फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी” की दसवीं और समापन कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपनी सहयोगी संज्ञा टण्डन के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली श्रृंखला की भाँति इस श्रृंखला में भी हम एक नया प्रयोग कर रहे हैं। गीतों का परिचयात्मक आलेख हमारे सम्पादक-मण्डल की सदस्य संज्ञा टण्डन ने प्रस्तुत किया है। आपको हमारा यह प्रयोग कैसा लगा, अवश्य सूचित कीजिएगा। दरअसल यह श्रृंखला पूर्व में प्रकाशित / प्रसारित की गई थी। हमारे पाठकों / श्रोताओं को यह श्रृंखला सम्भवतः कुछ अधिक रुचिकर प्रतीत हुई थी। अनेक संगीत-प्रेमियों ने इसके पुनर्प्रसारण का आग्रह किया है। सभी सम्मानित पाठकों / श्रोताओं के अनुरोध का सम्मान करते हुए और पूर्वप्रकाशित श्रृंखला में थोड़ा परिमार्जन करते हुए यह श्रृंखला हम पुनः प