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कजरी गीत : SWARGOSHTHI – 333 : KAJARI SONGS

स्वरगोष्ठी – 333 में आज पावस ऋतु के राग – 8 : कजरी गीतों के विविध प्रयोग “कइसे खेले जइबू सावन में कजरिया बदरिया घेरि आइल ननदी...” उस्ताद बिस्मिल्लाह  खाँ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला – “पावस ऋतु के राग” की आठवीं और समापन कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपनी सहयोगी संज्ञा टण्डन के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम एक नया प्रयोग कर रहे हैं। गीतों का परिचयात्मक आलेख हम अपने सम्पादक-मण्डल की सदस्य संज्ञा टण्डन की रिकार्ड किये आवाज़ में प्रस्तुत कर रहे हैं। आपको हमारा यह प्रयोग कैसा लगा, अवश्य सूचित कीजिएगा। आपको स्वरों के माध्यम से बादलों की उमड़-घुमड़, बिजली की कड़क और रिमझिम फुहारों में भींगने के लिए आमंत्रित करता हूँ। यह श्रृंखला, वर्षा ऋतु के रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत पर केन्द्रित है। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही सम्बन्धित राग के आधार पर रचे गए

चित्रकथा - 34: इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 5)

अंक - 34 इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 5) "तू मेरा हीरो नंबर वन.."  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है।  हर रोज़ देश के कोने कोने से न जाने कितने युवक युवतियाँ आँखों में सपने लिए माया नगरी मुंबई के रेल्वे स्टेशन पर उतरते हैं। फ़िल्मी दुनिया की चमक-दमक से प्रभावित होकर स्टार बनने का सपना लिए छोटे बड़े शहरों, कसबों और गाँवों से मुंबई की धरती पर क़दम

गीत अतीत 28 || हर गीत की एक कहानी होती है || बखेड़ा / हंस मत पगली || विक्की प्रसाद || सिद्धार्थ गरिमा || सुखविंदर सिंह || सुनिधि चौहान || अक्षय कुमार

Geet Ateet 28 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Bakheda Toilet Ek Prem Katha  Vickey Prasad Also featuring Sidharth-Garima, Sukhvinder Singh & Sunidhi Chauhan " जब मैंने अपनी नानी को देखा कि पिछले तीन चार साल में वो कुछ और बूढी हो गयीं है, तब मैंने अपने आप से पुछा कि अब नहीं तो कब ?...   " -    विक्की प्रसाद  टॉयलेट एक प्रेम कथा के माध्यम से एक ज़रूरी सन्देश दर्शकों तक पहुँचाने की कोशिश की गयी है, फिल्म की सफलता में फिल्म के मधुर संगीत का भी बड़ा योगदान है. युवा संगीतकार विक्की प्रसाद ने आजकल के चालू ट्रेंड से हटकर फिल्म की पृठभूमि के अनुसार इसके गीतों को रचा है, सुनते हैं विक्की प्रसाद से इसी फिल्म के दो सबसे लोकप्रिय गीत "बखेड़ा" और "हंस मत पगली" के बनने की कहानी. प्ले पर क्लिक करें और सुने अपने दोस्त अपने साथी सजीव सारथी के साथ आज का एपिसोड. डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़ि