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चाहा था एक शख़्स को... कहकशाँ-ए-तलबगार में आशा की गुहार

महफ़िल ए कहकशाँ 19 आशा भोंसले और खय्याम  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है आशा भोंसले की आवाज़ में एक गज़ल, मौसिकार हैं खय्याम और कलाम है हसन कमाल का |   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

"कॉलेज उत्सवों में गाकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा" -दिग्विजय सिंह परियार II एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 46 उभरते हुए बेहद प्रतिभावान गायक दिग्विजय सिंह परियार, से मिलिए आज के एपिसोड में. कट्टी बट्टी, रॉक ऑन २ जैसी बड़ी फिल्म में शंकर एहसान लॉय और सलीम सूलेमान सरीखे दिग्गज संगीतकारों के लिए गा चुके इस गायक से हुई इस दिलचस्प मुलाक़ात को सुनिए इस ऑडियो में. प्ले पे क्लिक करें और आनंद लें.   ये एपिसोड आपको कैसा लगा, अपने विचार आप 09811036346 पर व्हाट्सएप भी कर हम तक पहुंचा सकते हैं, आपकी टिप्पणियां हमें प्रेरित भी करेगीं और हमारा मार्गदर्शन भी....इंतज़ार रहेगा. एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड के प्रायोजक थे अमेजोन डॉट कॉम, अमोज़ोन पर अब आप खरीद सकते हैं, मुम्बा देवी मंत्र सी डी मात्र २९ रूपए में, खरीदने के लिए क्लिक करें  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें मिलिए इन जबरदस्त कलाकारों से भी - राकेश चतुर्वेदी ओम , अनवर सागर ,  संजीवन लाल ,  कुणाल वर्मा ,  आदित्य शर्मा ,  निखिल कामथ ,  मंजीरा गांगुली , रितेश शाह , वरद

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता रेडियो और ख़ास तौर से ’विविध भारती’ के नियमित श्रोताओं के लिए एक रोचक प्रतियोगिता लेकर आ रहा है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’। ’विविध भारती’ का एक प्रसिद्ध कार्यक्रम है ’छाया-गीत’। जैसा कि आप जानते हैं कि इस कार्यक्रम में उद्‍घोषक अपनी पसन्द के गीतों को एक भाव या सूत्र में पिरो कर एक सुन्दर आलेख के साथ प्रस्तुत करते हैं। क्या आपने कभी मन ही मन एक भाव पर आधारित गीतों को पिरोया है? क्या आपने कभी अनजाने में किसी गीत के लिए कुछ काव्यात्मक शब्द कहे हैं? एक ही धागे में पिरो कर क्या आपने भी कभी ऐसी कोई गीत-माला बनाई है? ’छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता’ में आपको यही करना है, अर्थात् आपको ’छाया-गीत’ का एक आलेख तैयार कर हमें भेजना है, ठीक वैसे ही जैसे कि हर रात ’विविध भारती’ पर आप सुनते हैं। आकर्षक और श्रेष्ठ पाँच आलेखों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं... प्रतियोगिता के नियम - 1. प्रतियोगी को किसी एक भाव या शीर्षक पर छह गीत चुनने हैं और इन्हें एक सूत्र में पिरो कर ’छाया-गीत’ की शक्ल में एक आलेख तैयार करना है। 

प्रातःकाल के राग : SWARGOSHTHI – 301 : MORNING RAGAS

स्वरगोष्ठी – 301 में आज राग और गाने-बजाने का समय – 1 : दिन के प्रथम प्रहर के राग ‘जग उजियारा छाए, मन का अँधेरा जाए...’   "रेडियो प्लेबैक इण्डिया" के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से हम एक नई श्रृंखला- ‘राग और गाने-बजाने का समय’ आरम्भ कर रहे हैं। श्रृंखला की पहली कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। है। उत्तर भारतीय रागदारी संगीत की अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि संगीत के प्रचलित राग परम्परागत रूप से ऋतु प्रधान हैं या प्रहर प्रधान। अर्थात, संगीत के प्रायः सभी राग या तो अवसर विशेष या फिर समय विशेष पर ही प्रस्तुत किये जाने की परम्परा है। बसन्त ऋतु में राग बसन्त और बहार तथा वर्षा ऋतु में मल्हार अंग के रागों के गाने-बजाने की परम्परा है। इसी प्रकार अधिकतर रागों को गाने-बजाने की एक निर्धारित समयावधि होती है। उस विशेष समय पर ही राग को सुनने पर आनन्द प्राप्त होता है। भारतीय कालगणना के सिद्धान्तों का प्रतिपादन करने वाले प्राचीन मनीषियों ने दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहर में बा

चित्रकथा - 2: बिमल रॉय की मृत्यु की अजीबोग़रीब दास्तान

अंक - 2 बिमल रॉय की मृत्यु की अजीबोग़रीब दास्तान “अमृत कुंभ की खोज में...” 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आते हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ के दूसरे अंक में आपका हार्दिक

"मेरे अभिनय को निरंतर संवारा थियटर ने" - राकेश चतुर्वेदी ओम :: एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 45 ताज़ा प्रदर्शित साफ़ सुथरी पारिवारिक कॉमेडी फिल्म भल्ला @हल्ला डॉट कोम के लेखक निर्देशक राकेश चतुर्वेदी ओम है हमारे आज के मेहमान "एक मुलाकात ज़रूरी है" में. मिलिए इस हरफनमौला फनकार से जो एक अच्छे अभिनेता भी हैं. प्ले पर क्लिक करें और इस मुलाकात का आनंद लें.  ये एपिसोड आपको कैसा लगा, अपने विचार आप 09811036346 पर व्हाट्सएप भी कर हम तक पहुंचा सकते हैं, आपकी टिप्पणियां हमें प्रेरित भी करेगीं और हमारा मार्गदर्शन भी....इंतज़ार रहेगा. एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड के प्रायोजक थे अमेजोन डॉट कॉम, अमोज़ोन पर अब आप खरीद सकते हैं, अरिजीत सिंह के गानों का ये संकलन, खरीदने के लिए क्लिक करें  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें मिलिए इन जबरदस्त कलाकारों से भी - अनवर सागर ,  संजीवन लाल ,  कुणाल वर्मा ,  आदित्य शर्मा ,  निखिल कामथ ,  मंजीरा गांगुली , रितेश शाह , वरदान सिंह , यतीन्द्र मिश्र , विपिन पटवा , श्रेया शालीन

महाविजेताओं की प्रस्तुतियाँ : SWARGOSHTHI – 300 : RAG KAFI, BHAIRAVI AND DARABARI

स्वरगोष्ठी – 300 में आज महाविजेताओं की प्रस्तुतियाँ – 2 संगीत पहेली के महाविजेताओं क्षिति, विजया और किरीट का अभिनन्दन ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का नए वर्ष के दूसरे अंक में कृष्णमोहन मिश्र की ओर से हार्दिक अभिनन्दन है। पिछले अंक में हमने आपसे ‘स्वरगोष्ठी’ स्तम्भ के बीते वर्ष की कुछ विशेष गतिविधियों की चर्चा की थी। साथ ही पहेली के चौथी महाविजेता डी. हरिणा माधवी और तीसरे महाविजेता प्रफुल्ल पटेल से आपको परिचित कराया था और उनकी प्रस्तुतियों को भी सुनवाया था। इस अंक में भी हम गत वर्ष की कुछ अन्य गतिविधियों का उल्लेख करने के साथ ही संगीत पहेली के प्रथम और द्वितीय महाविजेताओं की घोषणा करेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे। ‘स्वरगोष्ठी’ के पाठक और श्रोता जानते हैं कि इस स्तम्भ के प्रत्येक अंक में संगीत पहेली के माध्यम से हम हर सप्ताह भारतीय संगीत से जुड़े तीन प्रश्न देकर आपसे दो प्रश्नों का उत्तर पूछते हैं। आपके दिये गये सही उत्तरों के प्राप्तांकों की गणना दो स्तरों पर की जाती है। ‘स्वरगोष्ठी’ क