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"संगीत से जुड़े सभी लोग एक बड़े परिवार के जैसे हैं" -श्रध्दा भिलावे : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (18) फि ल्म संगीत जगत में महिलाओं का दखल अधिकतर पार्श्व गायन तक ही सीमित है. गीतकार और संगीतकार श्रेणी में मात्र गिनती की इतनी ही महिलायें हैं, जितनी हम उँगलियों पे गिन सके. ऐसे में एक युवा कवियित्री का गीत लेखन की दुनिया में आना एक शुभ संकेत है. लीजिये आज मिलिए गीतकारा श्रध्दा भिलावे से, जिन्होंने हाल ही में प्रदर्शित फिल्म "सेवन अवर्स टू गो" से गीत लेखन की शुरुआत की है. मिलिए श्रध्दा भिलावे से और जानिये उनकी इस पहली फिल्म का अनुभव.  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

राग केदार : SWARGOSHTHI – 277 : RAG KEDAR और विदुषी वीणा सहस्त्रबुद्धे को श्रद्धांजलि

स्वरगोष्ठी – 277 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 10 : जब राज कपूर की आवाज़ बने तलत साहब ‘मैं पागल मेरा मनवा पागल, पागल मेरी प्रीत रे...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन दिनों हमारी श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ जारी है। श्रृंखला की दसवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का एक बार फिर हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का सहयोग लिया है। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की चर्चा और फिर उस राग की उदाहरण सहित जानकारी दे रहे हैं। गत 25 जून को हमने मदन मोहन का 93वाँ जन्मदिन मनाया। श्रृंखला की दसवीं कड़ी में आज हम आपको राग केदार के स्वरों में पिरोये गए 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘आशियाना’ से एक सुम

"तू मेरा कौन लागे?" क्या सम्बन्ध है इस गीत का किशोर कुमार से?

एक गीत सौ कहानियाँ - 85   ' तू मेरा कौन लागे... '   रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 85-वीं कड़ी में आज जानिए 1989 की फ़िल्म ’बटवारा’ के लोकप्रिय गीत "तू मेरा कौन लागे..." के बारे में जिस